शिक्षा निदेशालय के अनुसार प्रदेश में 186 स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। इनमें कक्षा 6 से 12 की 131 तथा कक्षा 9 से 12 के 55 स्कूल शामिल है। इनमें नजदीकी स्कूलों को मर्ज कर यहां कक्षा एक से 12 तक का एक साथ संचालन होगा। एकीकरण के पीछे निदेशक ने नई शिक्षा नीति, अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण व्यवस्था व 15 फरवरी को शिक्षा मंत्री की बैठक के फैसले का हवाला दिया है।
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एकीकरण की टीम का संयोजक संबंधित संयुक्त निदेशक को बनाया गया है। डीईओ प्रारंभिक शिक्षा, डाइट प्रतिनिधि तथा एक प्रधानाचार्य या समकक्ष महिला शिक्षा अधिकारी को सदस्य तथा डीईओ (माध्यमिक) को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
कमेटी इस बात की जांच करेगी कि कक्षा 1 से 12 की बजाय कक्षा 6 से 12 व 9 से 12 का स्कूल का संचालन किन कारणों से किया जा रहा है। दूसरा, यदि इन स्कूलों में नजदीकी स्कूल मर्ज करें तो कक्षा 1 से 12 तक के संचालन के लिए उसका भवन पर्याप्त होगा या नहीं। स्कूल मर्ज होने पर छात्राओं को आने जाने में किसी तरह की सुविधा का सामना तो नहीं करना पड़ेगा।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने कहा पिछले कार्यकाल में भी भाजपा सरकार ने एकीकरण के नाम पर 19 हजार 900 स्कूलों को बंद किया था अब फिर स्कूलों को समन्वित कर बंद करने की आशंका है। यदि आरटीआई के प्रावधानों के खिलाफ कार्य हुआ तो शिक्षक समुदाय एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
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