राज्यपाल ने इस अवसर पर 28 मेधावियों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।उन्होंने कहा कि कि यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें कपिलवस्तु के द्वितीय दीक्षांत समारोह में आने का मौका मिला। यह गर्व की बात है कि 28 मेधावियों में 11 बेटों को मेडल मिला है जबकि 17 बेटियों ने मेडल पर कब्जा किया हैं।
इस अवसर पर उन्होंने चार योजनाओं का शिलान्यास करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से केंद्रीय ग्रंथालय को ऐतिहासिक करार दिया। मेधावियों से आह्वान किया कि वह हमेशा तीन ‘एम’ के बारे में सोचे। पहला एम मां दूसरा मातृभाषा, तीसरा मदर लैंड अगर इन तीनों का सम्मान करते हैं तो आप जीवन में बहुत आगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सफलता को कोई शार्टकट नहीं होता है। शार्टकट न अपनाएं। जब आप स्पर्धा में होते है, तो परिश्रम अधिक करना पड़ता है। जब परिश्रम करेंगे तो गुणवत्ता आएगी। इसलिए मेहनत से न डरें।
उन्होंने स्किल इंडिया का जिक्र कर केंद्र और प्रदेश सरकार का भी बखान किया। सिद्धार्थ विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार ने मेधावियों को बधाई देते हुए आगे बढ़ने का आर्शीवाद दिया। इससे पूर्व दीप जलाकर राज्यपाल, कुलपति और शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने दीक्षांत समारोह का उद्धाटन किया। इस दौरान सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, डीएम कुणाल सिल्कू, एसपी डॉ धर्मबीर सिंह, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, रजिस्ट्रार उदय प्रताप सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
बेटों को पढ़ने की दी नसीहत राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश भर में बेटियों के बढ़ते कदम को बेहद सुखद करार दिया। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ विवि में 70857 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गई है। इनमें छात्र 32290 व छात्राएं 38567 छात्राएं शामिल है। छात्राओं का प्रतिशत 54.43 है। जबकि प्रदेश में 2017-18 में 50 लाख 60 हजार उपाधियां दी गई। इनमें 51 प्रतिशत बेटियों ने बाजी मारी है। इस साल अब तक 18 विवि के दीक्षांत समारोह में नौ लाख उपाधियां दी गई है। इनमें 54 प्रतिशत बेटियों उपाधियां मिली है। उन्होंने बेटों को पढ़ने की नसीहत देते हुए आगे बढ़ने की बात कही।
BY- YASHODA SRIVASTAVA