मनमाने ढंग से रिपोर्ट भेजने के आरोप
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की रिपोर्ट को लेकर अरुण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने रिपोर्ट को अपने अनुसार बदलकर भेजा। इस मनमानी के चलते रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। यह भी पढ़ें
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विरोधाभासी रिपोर्ट देने का मामला
एक ही प्रकरण में अरुण कुमार ने दो अलग-अलग प्रकार की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो एक दूसरे से पूरी तरह से विरोधाभासी थीं। इस कारण से प्रशासन ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है।उच्च अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस मामले पर उच्च अधिकारियों ने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी से इस प्रकार की अनियमितता स्वीकार्य नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से सस्पेंशन का आदेश जारी किया है। यह भी पढ़ें
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जांच की आवश्यकता
अरुण कुमार के इस कृत्य से सरकार की नीतियों और योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले की विस्तृत जांच की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। यह भी पढ़ें
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अरुण कुमार की सस्पेंशन के बाद, प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है और अन्य अधिकारी भी अपने काम में पारदर्शिता और ईमानदारी बरतने के लिए सतर्क हो गए हैं। यह भी पढ़ें