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शिवपुरी

अजीबो गरीब बीमारी की चपेट में आया गांव, स्वास्थ टीम पहुंची तो सामने आया अंधविश्वास का खेल

-पत्रिका की खबर पर जागा प्रशासन-अजीबो गरीब बीमारी की चपेट में यहां के लोग-स्वास्थ टीम पहुंची तो सामने आया अंधविश्वास का खेल-मोती महाराज का हवाला देकर इलाज नहीं कराना चाहते लोग

शिवपुरीOct 11, 2022 / 06:21 pm

Faiz

अजीबो गरीब बीमारी की चपेट में आया गांव, स्वास्थ टीम पहुंची तो सामने आया अंधविश्वास का खेल

ग्राउंड रिपोर्ट, संजीव जाट

शिवपुरी. खुदकी गर्दन फंसने से बचाने के लिए मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास के एक गांव में जिम्मेदारों द्वारा ही अंधविश्वास फैलाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मामला बदरवास जनपद पंचायत के ग्राम सालोंन की मोहनपुरा का है। दरअसल, यहां बीते कुछ दिनों से ग्रामीण एक अजीबो गरीब बीमारी की चपेट में हैं। आलम ये है कि, बीमारी की चपेट में आकर एक बच्ची की मौत हो गई है, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। करीब 550 लोगों की आबादी वाले इस गांव में एक ही हेंडपंप है, जिससे कीड़े युक्त गंदा पानी निकल रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्रिका ने इस गांव के हालातों को उटाया। खबर का असर भी हुआ और मंगलवार को सुबह से ही एक साथ कई विभागों के अफसर गांव की खैर खबर लेने पहुंचे।

पत्रिका द्वारा प्रमुखता स खबर दिखाए जाने के बाद मंगलवार की सुबह स्वास्थ विभाग, पीएचई डिपार्टमेंट, महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम मोहनपुरा गांव पहुंची। टीम ने पत्रिका द्वारा उटाए गए बिंदुओं की पड़ताल की, जिसे टीम ने पूर्ण रूप से सच पाया। लेकिन, इसी बीच जो घटनाक्रम पत्रिका के साथ साथ प्रशासनिक अमले के सामने आया, वो हैरान कर देने वाला था। स्वास्थ टीम ने जब ग्रामीणों से बीमार लोगों को दिखाने की बात कही तो वो इसपर तैयार नहीं हुए। ग्रामीणों ने कहा कि, अगर वो चिक्त्सकों को अपनी बीमारी बता देंगे तो ‘मोती महाराज’ नाराज हो जाएंगे। यानी इस बीमारी को लेकर ग्रामीण अंधविश्वास का शिकार थे।

 

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बिना इलाज किये वापस लौटा स्वास्थ विभाग, अंध्विश्वास है वजह

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इस संबंध में बीएमओ एच.वी शर्मा का कहना है कि, शुरुआती तौर पर हमें पता लगा कि, यहां सचमुच लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, जिनमें बड़ी संख्या बच्चों की है, लेकिन सभी बीमारों के परिजन उन्हें स्वास्थ विभाग की टीम को दिखाने के लिए तैयार ही नहीं हुए। नतीजा ये रहा कि, टीम तो हर बीमार के घर तक पहुंची, लेकिन वहां उपचार कराने के लिए ग्रामीणों ने किसी मरीज को देखने ही नहीं दिया।


मीजल्स से ग्रस्त हैं लोग, मान रहे ‘मोती महाराज’ का प्रभाव

वैसे तो आज आजादी के 75वें वर्ष में देश आजादी का अम्रत महोत्सव मना रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आज भी एक बड़ा तबका ऐसा है, जो अंधविश्वास के चलते उपचार के बजाय झाड़-फूंक पर विश्वास करते हैं। मामला बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सालोन के मोहनपुरा गांव का है। शुरुआती लक्षण पर गौर करके चिकित्सकों का मानना है कि, ग्रामीण मीजल्स बीमारी से ग्रस्त हैं। लेकिन, ग्रामीणों का मानना है कि, जो भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं, उनपर मोती महाराज का वास है। ऐसे में वो किसी भी बीमार का उपचार कराने को तैयार ही नहीं हैं।


एक बच्ची की मौत, दो बच्चे और गंभीर फिर भी झाड़फूक से इलाज करा रहे लोग

जिस परिवार में अंजू पुत्री कमल पटेलिया उम्र 12 बुखार आया था और सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात को उसकी मौत हो गई। 4 वर्षीय अपिया और 2 वर्षीय अंकेश भी इसी बीमारी से गंभीर ग्रस्त हैं।उसके घर जब स्वास्थ विभाग की टीम पहुंची तो अंधविश्वास के चलते उन्होंने अपने दोनों बच्चों को स्वास्थ विभाग की टीम को देखने ही नहीं दिया। परिवार के लोगों का कहना है कि, दोनों बच्चे गुना जिला अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन वहां पता करने पर सामने आया कि, ऐसे कोई बच्चे उपचार के लिए वहां आए ही नहीं। बाद में पता चला कि, जिन बच्चों को बीमार होना बताया था, उन्हें परिजन गुना में मोती महाराज से झड़वाने ले जाया गया था।

 

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स्वास्थ बिभाग की टीम ने 35 बच्चों को देखा

बदरवास स्वास्थ विभाग की टीम ग्राम मोहनपुर पहुंची तो यहां की टीम के द्वारा कुल 36 परिक्षण किये, जिसमें 5 बच्चे गंभीर बीमार मिले। इनमें एनीमिया के भी 2 मरीज मिले।


जिम्मेदारों ने ही बढ़ाया ग्रामीणों में अंधविश्वास

बदरवास की मोहनपुर में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद स्वास्थ्य एवं ब्लॉक की टीम के पहुंचने से पहले ही उनके बीच अंधविश्वास का डर बढ़ा दिया, जिसके चलते वो गंभीर रूप से बीमार बच्चों का उपचार कराने की बजाय उन्हें बाहर जाना बताया, साथ ही वहां से मोती महाराज का उनपर वास होना भी बताया। इसके चलते अकसर बीमारों को, जिनमें मुख्य रूप से बच्चे शामिल हैं, उक्त इलाज नहीं दिया जा सका। इसका तात्पर्य ये हुआ कि, यहां जिम्मेदार ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य टीम से दूर रखे हुए हैं।


हेंडपंप चैक किया तो पानी से निकले कीड़े

पीएचई विभाग की टीम द्वारा बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले 1 ग्राम मोहनपुर में पहुंचकर यहां हैंडपंपों की मरम्मत कर उन्हें भी ठीक किया गया। हेड पंप के पानी का सैंपल भी लिया गया। इसके अलावा, जिम्मेदारों ने ये भी माना कि, उक्त पानी में कीड़े आ रहे हैं। सैंपल को जांच के लिए भेज दिया है।


SDM ने बिंदुवार लिया जायजा

पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद अनुभाग अधिकारी बृज बिहारी श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को जनपद के ग्राम पंचायत मोहनपुर भेजा। ग्राम की स्वास्थ्य से लेकर पीएचई सहित हर बिंदुपर जानकारी ली गई। वहीं, बदरवास ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एच.वी शर्मा ने बताया कि, हमारी स्वास्थ विभाग की टीम के साथ में भी उक्त गांव में गया था, वहां पाया कि अंधविश्वास के चलते बीमारी को मोती महाराज मानते हैं और उपचार नहीं कराते हैं।

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