सोयाबीन: जिले में 70 प्रतिशत सोयाबीन 9560 की बोबनी की गई है। यह इसलिए हुआ, क्योंकि यह माना जा रहा था कि इस बार बारिश कम होगी, इसलिए अधिकांश किसानों ने 60 दिन वाली सोयाबीन की बोवनी की थी। अब वो फसल पककर तैयार है और लगातार हो रही बारिश के चलते फली फटकर खेतों में ही छिटक कर अंकुरित होने लगी।
मूंगफली: मूंगफली की फसल पक कर तैयार हो गई, लेकिन खेत में पानी भरा होने की वजह से किसान उसे खोद नहीं पा रहा है। ऐसे में मंूगफली का दाना जमीन में ही अंकुरित होने लगा है।
उड़द: उड़द की फसल तो पहले ही पक कर तैयार हो गई तथा फली का छिलका भी सूख जाने से दाने में नमी आते ही दाना फूल कर छिटकर वहीं खेत में गिरकर दूसरा पौधा बनकर तैयार हो गया।
उड़द तो पूरी तरह से नष्ट हो गई, जबकि सोयाबीन की फसल 80 फीसदी बर्बाद हो गई। सरकार ने जो दो लाख रुपए के ऋण माफी का वादा किया था, उसमें से कुछ राशि तो माफ हो गई है। फसल बीमा से हमें कोई उम्मीद नहीं है, क्योंक तीन साल से हमें तो कुछ भी नहीं मिला।
चंद्रभान सिंह यादव, ग्राम सुमैला
राजकुमार यादव, ईसुरी बदरवास
एमके भार्गव, कृषि वैज्ञानिक केविक पिपरसमा शिवपुरी