कैमरे में जो शावक नजर आए, वे लगभग तीन माह के बताए जा रहे हैं। यानी मादा टाइगर ने तो जून आखिरी में ही खुशियां दे दी थीं, लेकिन पार्क कर्मचारियों को तीन माह बाद शावक नजर आए।
10 मार्च 2023 को छोड़े गए थे बाघ
बता दें कि 10 मार्च 2023 को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में एक नर और दो मादा टाइगर को पहले बाड़े में और फिर उन्हें जंगल में छोड़ा गया था। तीनों टाइगरों ने नेशनल पार्क में अपना ठिकाना बलारपुर के जंगल में बनाया था। दो मादा टाइगरों में से बांधवगढ़ से लाई गई एमटी-3 (माधव टाइगर-3) ने नन्हें शावकों को जन्म दिया है। मंगलवार को पहली बार एक शावक टाइगर पार्क में लगे कैमरे में कैद हुआ। यह शावक भी बलारपुर के जंगल में ही नजर आए हैं तथा कैमरे में नन्हें टाइगर देखते ही पार्क प्रबंधन ने अपनी टीम को जंगल में उतार दिया, ताकि वे अन्य शावकों को भी उसमें तलाश करें।
चूंकि मादा टाइगर नन्हें शावकों को जन्म देने के बाद दो माह तक उन्हें अपनी मांद में ही रखती है तथा उसके बाद शावक बाहर निकलते हैं। जो नन्हे टाइगर नजर आ रहा हैं, वे लगभग तीन माह के बताए जा रहे हैं। यानी मादा टाइगर ने शावकों को जून माह के अंत में ही जन्म दे दिया था लेकिन वे कैमरे में अब नजर आए हैं।
नेशनल पार्क में सरवाइव कर गए टाइगर
माधव नेशनल पार्क में नन्हें शावक के आने से यह तय हो गया है कि अब शिवपुरी के जंगल में बाघों की पुर्नस्थापना सफल रही है तथा भविष्य में यहां बाघों की एक अच्छी संख्या स्थापित होगी।
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी था, इसलिए क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी नन्हे टाइगर के फोटो सहित ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को तोहफा बताया है।
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माधव नेशनल पार्क में मौजूद तीन टाइगरों में से दो टाइगरों की कॉलर आईडी खराब हो जाने की वजह से उनकी उपस्थिति को सिर्फ वहां लगे कैमरों में ही देखा जा रहा था। पार्क प्रबंधन को यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि नर टाइगर किस मादा टाइगर के साथ है तथा कौन सी मादा टाइगर लंबे समय से किसी एक स्थान पर अपने शावकों के साथ जंगल में रुकी हुई है। यही वजह है कि तीन माह का शावक जब जंगल में बाहर आया तो फिर वो पार्क में लगे कैमरे में कैद हो गया।
कॉलर आईडी खराब होने से कैमरों पर आश्रित पार्क प्रबंधन
माधव नेशनल पार्क में मौजूद तीन टाइगरों में से दो टाइगरों की कॉलर आईडी खराब हो जाने की वजह से उनकी उपस्थिति को सिर्फ वहां लगे कैमरों में ही देखा जा रहा था। पार्क प्रबंधन को यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि नर टाइगर किस मादा टाइगर के साथ है तथा कौन सी मादा टाइगर लंबे समय से किसी एक स्थान पर अपने शावकों के साथ जंगल में रुकी हुई है। यही वजह है कि तीन माह का शावक जब जंगल में बाहर आया तो फिर वो पार्क में लगे कैमरे में कैद हो गया।