जेसीबी से गड्ढे कर घास का बीज डाल रहे
माधव नेशनल पार्क के असिस्टेंट डायरेक्टर सहित 60 से 70 पार्क कर्मचारी इन दिनों हर रोज सुबह पहले सतनबाड़ा थाने पहुंचते हैं। सतनबाड़ा के अलावा बम्हारी व सुभाषपुरा से भी हथियारबंद पुलिसकर्मी सतनबाड़ा आ जाते हैं। फिर यह पूरी टीम नेशनल पार्क के उस एरिया में पहुंचते हैं, जहां स्थित पांच गांव के लोगों द्वारा अवैधानिक रूप से जिस जमीन पर खेती की जा रही है। उसमें जेसीबी से गड्ढे करवाकर घास का बीज डाला जा रहा है। चूंकि कुछ जगह कब्जेधारी किसानों ने बीज भी डाल दिया है, इसलिए वो दो-तीन महीने का समय मांग रहे हैं, लेकिन पार्क प्रबंधन किसी भी सूरत में अब कोई समय देने को तैयार नहीं है।
दो घेरों में होगा टाइगर कॉरीडोर
माधव नेशनल पार्क में बाघ लाने से पहले उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए खाली कराए जा रहे गांव सहित पार्क के अन्य एरिया में टाइगर के लिए बनने वाला कॉरीडोर दो घेरों में होगा। पहला घेरा छोटा होगा, जिसमें बाघों को लाकर रखा जाएगा, जबकि छोटे घेरे को कवर्ड करते हुए दूसरा घेरा भी बनाया जाएगा। तीन-चार महीने छोटे घेरे में रखने के बाद जब बाघ पार्क के जंगल की आबोहवा में रच-बस जाएंगे तो फिर उन्हें दूसरे घेरे में छोडऩे के साथ ही पार्क के जंगल में घूमने की पूरी आजादी रहेगी।
सुरक्षा के कर रहे इंतजाम
हम हर दिन 60-70 स्टाफ वालों के अलावा पुलिस जवानों को साथ लेकर पार्क एरिया में जा रहे हैं। बाघ के लिए चारागाह तैयार करने के साथ ही टूटी तार फेंसिंग भी सही करवा रहे हैं। पार्क में एक नर व दो मादा टाइगर लाई जाएंगी।
-अनिल सोनी, असि. डायरेक्टर माधव नेशनल पार्क