गौरतलब है कि डीजे की तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है और इसके लिए न्यायालय ने आदेश भी जारी करते हुए डीजे साउंड की ध्वनि का निर्धारण 10 डेसीबल किया है। लेकिन शहर में इन दिनों 100 से 150 डेसीबल के डीजे बजाए जा रहे हैं, जिनकी धमक से न केवल आसपास की जमीन हिलती सी महसूस होती है, बल्कि दिल के मरीजों की हालत बिगड़ जाती है। बीती रात भी शहर के दो लोगों को दिल में दर्द उठने पर परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के आईसीयू में पदस्थ नर्स ने बताया कि रात में दो लोगों को चेस्ट में दर्द उठने पर अस्पताल लाया गया था, लेकिन इलाज होने के बाद उनकी हालत में सुधार होने पर बुधवार की सुबह उनके परिजन घर ले गए।
डीजे की धमक से सड़क पर ही गिर गया था पप्पी
बीते वर्ष गणेश महोत्सव के दौरान बज रहे तेज आवाज डीजे के पास खड़े विवेकानंद कॉलोनी निवासी पप्पी कुशवाह को एकाएक दिल में दर्द उठा, और वो सड़क पर ही गिर गया। उसे जब अस्पताल ले गए, तो कुछ देर बाद ही उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पप्पी दिल का मरीज था और उसकी बायपास सर्जरी हो चुकी थी। वहीं एक अन्य व्यक्ति की भी तेज आवाज डीजे ने जान ले ली थी।
मेरी पीआइएल पर हुआ था आदेश
तेज आवाज बजने वाले डीजे के खिलाफ मैंने पीआइएल लगाई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने 10 डेसीबल से अधिक ध्वनि वाले डीजे न बजाने व रात 10 बजे के बाद प्रतिबंधित किया था। लेकिन शिवपुरी में आदेशों का पालन कराने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।
विजय तिवारी, एडवोकेट शिवपुरी