श्योपुर जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर स्थित ग्राम नागदा में स्थित श्री नागेश्वर महादेव मंदिर श्योपुर ही नहीं जिले भर में आस्था का प्रतीक है। यहां प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की तो भीड़ रहती है साथ ही शिवरात्रि पर दो दिवसीय मेला लगता है, वहीं सोमवती अमावस्या जैसे दिवसों पर भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है। लेकिन मंदिर में अनूठी परंपरा है कि यहां महिलाएं गर्भगृह में नहीं जा सकती हैं। हालांकि यहां महिलाएं मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार तक जा सकती हैं, लेकिन भीतर गर्भगृह में जाना महिलाओं के लिए पूरी तरह वर्जित है और बरसों से ये एक परंपरा और नियम सा बन गया है। यही वजह है कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश वर्जित होने की परंपरा आज भी जारी है।
शिवलिंग पर गिरती है अविरल जलधारा
श्री नागेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास लगभग एक हजार साल से अधिक पुराना बताया जाता है। इस मंदिर का उल्लेख श्रीमद् भागवत कथा में भी बताया जाता है। अति प्राचीन शिवालय सीप नदी के तट पर बना हुआ है। विशेष बात यह है कि यहां शिवलिंग पर चौबीसों घंटे अटूट जलधारा गिरती रहती है। यही वजह है कि नागेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह भी कई बार पानी भरा नजर आता है।
हमारी कई पीढिय़ां मंदिर में पूजा कर रही है और मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश नहीं होने की परंपरा शुरू से ही है। जिसका हम भी निर्वहन कर रहे हैं।
रामभरत गोस्वामी, पुजारी, श्री नागेश्वर महादेव मंदिर, नागदा