आपको बता दें कि बस्ती में रहने वाली आदिवासी महिला अन्नपूर्णा देवी में अपनी आस्था रखती है। इसी के चलते वो रविवार को दंडवत करते हुए आचार वाले मोहल्ले से पनवाडा स्थित माता मंदिर के लिए निकली थी। लेकिन उसे बस्ती में कीचड़ भरे रास्तों से उसे गुजरकर मंदिर पहुंचना पड़ा। जब महिला मंदिर पहुंची तो उसके कपड़े पूरी तरह से कीचड़ में सन चुके थे। उनी हालत ये थी कि मंदिर के द्वार पर कपड़ों का रंग पहचान पाना भी संभव नहीं था। जो कोई भी इस दृष्य को देख रहा था वोजिम्मेदारों को खरी खोटी सुनाए बिना नहीं रह पा रहा था।
एक तरफ सनातन को सहारा, दूसरी ओर आस्था पर चोट
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक तरफ प्रदेश सरकार सनातन धर्म को बढ़ावा दे रही है तो वहीं दूसरी और कराहल से आई ये तस्वीर धर्मप्रेमियों की आस्था पर चोट पहुंचाने का काम कर रही है। सनातनियों में इस विडियो को देखने के बाद आक्रोश पनपना जाहिर सी बात है। इलाके में रहने वाले दुर्गेश ने बताया कि बस्ती में न तो सड़क है और न ही कोई अन्य सुविधा। उन्होंने कहा कि आप चाहे कितनी भी शिकायतें कर लीजिए, यहां समस्याओं का हल नहीं होता। यह भी पढ़ें- स्कूल ऑफिस में महिला प्यून से पैर दबवाती दिखीं प्रिंसिपल, शिक्षा के मंदिर से अपमानजनक वीडियो वायरल
महिला ने कहा- शर्म आनी चाहिए
जानकी बाई का कहना है कि वह हर साल दंडवत करते हुए मंदिर जाती है। वो इसे तो छोड़ नहीं सकती। कीचड़ से सनी हुई सड़कों ओर लाचार सिस्टम से वह परेशान है। इसकी शिकायत कई बार पंचायत सचिव और सरपंच और कराहल सीईओ से भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक न तो हमारी सड़क बनी और न ही हमारे मोहल्ले में किसी को आवास मिला है। जिम्मेदारों की शर्म आनी चाहिए। यह भी पढ़ें- ऑनलाइन खरीदी करने वाले सावधान! iPhone 16 की बुकिंग के नाम पर फ्रॉड, लिंक क्लिक करते ही खाता खाली