जिले के ग्राम रानीपुरा (सेसईपुरा) में स्थित कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट (टेंट सिटी) बनाई गई है। एक निजी कंपन द्वारा मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से आयोजित हो रहे कूनो फॉरेस्ट फेस्टिवल में सोमवार को अनुभव आधारित गतिविधियां आयोजित की गई। रात में खुले आकाश में तारों की दुनिया देख हर कोई रोमांचित हो रहा है। सोमवार की सुबह कूनो राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण किया। राष्ट्रीय उद्यान में विभन्न प्रजातियों के पक्षियों एवं वन्यजीवों का अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त किया। पहाडिय़ों, संकरे रास्तों, पथरीली चट्टानों से होते हुए उद्यान की समृद्ध जैव विविधता, शांत परिदृश्य का अनुभव लिया।
देव-खो देख हुए आश्चर्यचकित
आगंतुकों को कूनो फॉरेस्ट रीट्रीट के पास स्थित पर्यटन स्थल देव-खो भ्रमण के लिये जाया गया। चारों तरफ पहाड़ एवं वन्यक्षेत्र से घिरा यह क्षेत्र देख हर कोई आश्चर्यचकित रहा। रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद नाइट वॉक एवं स्टरगेङ्क्षजग का आनंद लिया।
पारोंद क्षेत्र कूनो के अहेरा पर्यटन जोन में आता है। आपको बता दें कि प्रोजेक्ट चीता के साथ इसी साल मार्च से जुलाई के बीच चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया था, लेकिन बाद में हुई मौतों के चलते सभी चीतों को वापस बाड़े में शिफ्ट कर दिया और 13 अगस्त को अंतिम चीता निर्वा को भी बाड़े में शिफ्ट किया गया। यही वजह है कि बीते 125 दिन (13 अगस्त से 17 दिसंबर) से सभी चीते बाड़ों में बंद थे। अब रविवार से फिर चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया। फिलहाल दो नर चीते वायु और अग्नि को कूनो के जंगल में छोड़ा गया है।
रविवार को 2 नर चीता अग्नि और वायु को कूनो के पारोंद वनक्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ा गया। दोनों चीते पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से अब पर्यटक चीतों को देख सकेंगे।
– उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ, सिंह परियोजना श्योपुर-शिवपुरी