सिवनी. सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व है। यह त्योहार मां दुर्गा को समर्पित होता है। इन नौ दिनों में लोग दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते है। जिले में शारदीय नवरात्रि बहुत ही हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि पूर्वक उपासना करने से वह भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। 3 अक्टूबर को घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी। धार्मिक मत है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। इसके अगले दिन दशहरा है। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा विशेष वाहन पर सवार होकर आएंगी। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी पृथ्वी लोक पर आती हैं, ऐसे में माता रानी हर साल अलग-अलग सवारी में आती हैं। दरअसल, माता के प्रस्थान की सवारी वार अनुसार तय की जाती है। 3 अक्टूबर को गुरुवार का दिन है। इस दिन मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी घटस्थापना के दिन दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्र योग में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से व्रती को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
घर और मंदिरों में होंगे विशेष अनुष्ठान
नवरात्र को लेकर बाजार भी गुलजार होगा। वहीं शहर में 50 से अधिक पंडालों में माता की प्रतिमा विराजमान होगी। नौ दिन उत्सवी वातावरण होगा। हर तरफ मां की विशेष अर्चना की जाएगी। भक्त पूरे नौ दिन व्रत रखकर मां की आराधना करेंगे। घरों एवं मंदिरों में तैयारी भी शुरु हो चुकी है। वहीं कलाकार भी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुएहैं।
नवरात्र को लेकर बाजार भी गुलजार होगा। वहीं शहर में 50 से अधिक पंडालों में माता की प्रतिमा विराजमान होगी। नौ दिन उत्सवी वातावरण होगा। हर तरफ मां की विशेष अर्चना की जाएगी। भक्त पूरे नौ दिन व्रत रखकर मां की आराधना करेंगे। घरों एवं मंदिरों में तैयारी भी शुरु हो चुकी है। वहीं कलाकार भी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुएहैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि वैदिक पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो रही है। प्रतिपदा तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन योग में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि वैदिक पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो रही है। प्रतिपदा तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन योग में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि पर मां के विभिन्न रूपों की होगी पूजा
03 अक्टूबर 2024-मां शैलपुत्री की पूजा
04 अक्टूबर 2024- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
05 अक्टूबर 2024- मां चंद्रघंटा की पूजा
06 अक्टूबर 2024-मां कूष्मांडा की पूजा
07 अक्टूबर 2024- मां स्कंदमाता की पूजा
08 अक्टूबर 2024- मां कात्यायनी की पूजा
09 अक्टूबर 2024-मां कालरात्रि की पूजा
10 अक्टूबर 2024- मां सिद्धिदात्री की पूजा
11 अक्टूबर 2024- मां महागौरी की पूजा
12 अक्टूबर 2024-विजयदशमी (दशहरा)
03 अक्टूबर 2024-मां शैलपुत्री की पूजा
04 अक्टूबर 2024- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
05 अक्टूबर 2024- मां चंद्रघंटा की पूजा
06 अक्टूबर 2024-मां कूष्मांडा की पूजा
07 अक्टूबर 2024- मां स्कंदमाता की पूजा
08 अक्टूबर 2024- मां कात्यायनी की पूजा
09 अक्टूबर 2024-मां कालरात्रि की पूजा
10 अक्टूबर 2024- मां सिद्धिदात्री की पूजा
11 अक्टूबर 2024- मां महागौरी की पूजा
12 अक्टूबर 2024-विजयदशमी (दशहरा)