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सिवनी

मवेशी हत्याकांड के फरार आरोपियों को पकडऩा आसान नहीं है पुलिस के लिए

– मौमिनपुरा में अपराधियों की पहचान करने में होती है मुश्किल, स्थानीय लोग नहीं करते सहयोग
– पुलिस टीम को बनानी होगी अलग रणनीति

सिवनीJun 25, 2024 / 06:20 pm

akhilesh thakur

ईपीएस

सिवनी. जिले के बहुचर्चित मवेशी हत्याकांड के फरार चल रहे नागपुर मौमिनपुरा के पांच आरोपियों को पकडऩा पुलिस के लिए आसान नहीं है। जानकारों की माने तो मौमिनपुरा के स्थानीय लोग सहयोग नहीं करते हैं। ऐसे में पुलिस टीम को फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए कुछ अलग रणनीति बनानी होगी। यह बात इसलिए भी कही जा रही है कि मवेशी हत्याकांड के सामने आने के छह दिन बाद भी पुलिस फरार आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मामले पर नजर रखे हुए है। उन्होंने प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर कलेक्टर क्षितिज सिंघल व पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह नवागत कलेक्टर संस्कृति जैन व नवागत पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने सोमवार को सिवनी पहुंचकर पदभार ग्रहण कर लिया है।

पुलिस की अब तक की गई कार्रवाई पर गौर करें तो मौमिनपुरा के फरार आरोपियों पर मवेशियों की अलग-अलग थाना क्षेत्र में हत्या कर शव फेंके जाने का आरोप है। पुलिस ने जिले के अलग–अलग ग्राम से जिन पांच आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। उन पर फरार आरोपियों से पैसे लेकर मवेशी उपलब्ध कराने के आरोप है। सभी पर संबंधित धाराओं के साथ ही १५३ ए एवं रासुका की कार्रवाई की जा चुकी है। जिला प्रशासन ने तीन आरोपी वाहिद, इरफान व शादाब के मकान पर बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया है।
जिला अधिवक्ता संघ को नवागत कलेक्टर ने बुलाया-
नवागत कलेक्टर संस्कृति जैन ने जिला अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने मवेशी हत्याकांड के आरोपियों के मामले में अधिवक्ता संघ से पैरवी नहीं किए जाने की अपील की है। इसकी पुष्टि नवागत कलेक्टर व जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रविकुमार गोल्हानी ने की है। अध्यक्ष गोल्हानी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को बताया कि वे इस संबंध में संघ के पदाधिकारियों और अन्य अधिवक्ताओं से बात कर उनको अवगत कराएंगे।
नवागत कलेक्टर व एसपी ऐसी एक्टिविटी पर लगाए रोक-
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रविकुमार गोल्हानी व सचिव रीतेश आहूजा ने ‘पत्रिका’ को बताया कि प्रथम दृष्टया इस मामले में उच्चाधिकारियों को जिला व पुलिस प्रशासन में तैनात उन लोगों की तलाश करनी चाहिए, जिनके संबंध ऐसे लोगों से है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। नवागत कलेक्टर व एसपी को जिलेभर में इस तरह की जहां भी एक्टिविटी चल रही है। उस पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए। समाज में जागरूकता लानी चाहिए। ऐसा करने के बाद ही इस तरह की घटना पर रोक लग पाएगी। बताया कि जिले में एक वर्ष पूर्व 10 मवेशियों के सिर व शव अरी व कुरई थाना क्षेत्र में मिले थे। पुलिस यदि उसी समय गंभीरता से इस मामले में कार्रवाई करती तो इस तरह की स्थिति निर्मित नहीं होती।
क्या पुलिस कर रही है रात में गश्त?
– कुछ माह पूर्व 100-डायल को रात में गश्त करने पर लगाई गई थी रोक
सिवनी. जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में 65 मवेशियों की हत्या कर शव फेंके जाने का मामला सामने आने के बाद जिला पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पहला सवाल क्या पुलिस रात में गश्त कर रही है? पुलिस महकमे में चल रही बातों पर गौर करें तो यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि कुछ माह पूर्व आईजी व पुलिस अधीक्षक ने 100-डायल के रात्रि गश्त पर रोक लगाई थी। रात के समय उनको हाइवे पर जाने की सख्त मनाही थी।

पुलिस महकमे के कुछ जिम्मेदारों की माने तो अधिकारियों के आदेश के पूर्व 100-डायल रात को करीब 50 किमी के क्षेत्र में गश्त करती थी। उनको 50 किमी का इवेंट मिलता था। इससे देर रात तक पुलिस की गतिविधि सडक़ पर बनी रहती थी। इसबीच उन पर रोक लगाए जाने और थाने के वाहनों को समिति डीजल मिलने से रात को सडक़ों पर पुलिस की गतिविधि कम हो गई। कुछ पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल से गश्त करते, जबकि अधिकांश मोटरसाइकिल से रात में गश्त नहीं करते हैं।
पुलिस महकमे में अंदर खाने चल रही बातों पर गौर करें तो रात में गश्त करने 100-डायल में तैनात जवानों की शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही थी। इस पर कुछ माह पूर्व कार्रवाई करते हुए 100-डायल वाहन से सैनिकों को हटाकर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। ऐसे में दूसरा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या उक्त आदेश व पुलिस की रात में सडक़ पर कम हुई गतिविधियों का फायदा उठाकर कहीं आरोपियों ने इस तरह की घटना को तो अंजाम नहीं दिया है? खैर जो भी हो जिलेभर में यह सवाल सुर्खियों में है कि क्या पुलिस रात में गश्त कर रही है? उधर उच्चाधिकारियों ने पुलिस के गश्त किए जाने का दावा किया है।

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