विज्ञान और टेक्नोलॉजी

Crack on Moon: चंद्रमा की सतह पर पड़ रही है बड़ी दरारें, पृथ्वी को भी हो सकता है खतरा !

Cracks on Moon: चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है
ये पृथ्वी की गति को प्रभावित करता है।

Sep 30, 2020 / 09:31 am

Vivhav Shukla

Cracks on Moon

नई दिल्ली। खगोल विज्ञान की दुनिया में वैज्ञानिकों ने एक हैरानजनक खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि चंद्रमा की सतह पर दरारें (Crack on Moon) बन गई हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल को प्रभावित कर रही हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये दरारें रोजाना बढ़ रही है और पहले से चौड़ी हो रही हैं।

दरअसल, सूरज के बाद आसमान में चंद्रमा सबसे चमकीली चीज है। चंद्रमा को स्पॉट करने के लिए सबसे आसान खगोलीय वस्तु के रूप में जाना जाता है। इसके साथ ही चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है और ये पृथ्वी की गति को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं ये हमारे पर्यावरण को स्थिर करने में मदद करता है। ऐसे में यहां की सतह पर दरारें पड़ना पृथ्वी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।

मंगल ग्रह पर मिला पानी, वहां की जमीन में दफन हैं तीन झीलें

खगोल विज्ञान के जानकार डॉक्टर शैम बताते हैं कि महासागरों में ज्वार चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण होता है। ये दिनों और महीनों की पहचान करने में भी मदद करता है। कैलेंडर आकाश में अपने अस्तित्व के द्वारा बनाया गया था। चंद्रमा दुनिया भर के विभिन्न देशों और जनजातियों द्वारा बनाए गए सभी प्रकार के कैलेंडर का स्रोत है। ये एकमात्र आकाशीय वस्तु है जिस पर मनुष्यों ने पैर रखा है । इसका अस्तित्व कई वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है।

चंद्र सतह से एकत्रित चट्टानों और मिट्टी का विश्लेषण करते समय दिलचस्प बातें सामने आईं। शोध से पता चला है कि जबली लगभग 4.6 बिलियन साल पुरानी है। यह लगभग पृथ्वी के समान आयु है। चंद्रमा की सतह ज्यादातर चट्टानों और टीले से ढकी हुई है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ग्रहों और उल्कापिंडों से अंतरिक्ष मलबे चंद्रमा पर जमा हो गए हैं। चंद्रमा की सतह पर वायुमंडल को एक्सोस्फीयर कहा जाता है। पानी की कमी से प्रजातियों के लिए चंद्रमा पर जीवित रहना असंभव हो जाता है।

अनोखा प्रोजेक्ट : Wind Turbine से अब पैदल चलने वालों के हाथों से जनरेट होगी बिजली

एक रिपोर्ट ते मुताबिक चंद्रमा और उसके वातावरण का पता लगाने के लिए 100 से अधिक रोबोट अंतरिक्ष यान लॉन्च किए गए हैं। इन अभियानों में से नौ लोगों को ले गए। अब तक छह देशों ने इसी तरह के प्रयोग किए हैं। वैज्ञानिक लगातार चंद्रमा के अस्तित्व और हमारे ग्रह से इसके संबंध पर शोध कर रहे हैं।

लेकिन शोधकर्ताओं ने हाल ही में चंद्र सतह पर अजीब दरारें पाकर आश्चर्यचकित थे। वे कहते हैं कि ये दरारें अभी भी चौड़ी हैं। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन इस विषय पर व्यापक प्रयोग कर रहा है। कंपनी अपोलो 17 अंतरिक्ष यान सेंसर द्वारा भाला सतह पर दोष का अध्ययन कर रही है। इसके कारणों को एक पूर्ण पैमाने पर प्रयोग के बाद ही ज्ञात होने की संभावना है।

दुनिया का सबसे छोटा एयर पॉल्यूशन सेंसर जो मोबाइल में भी फिट हो जाता है

जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि चंद्रमा पर एक शक्तिशाली भूकंप के कारण अजीब दरारें थीं। उनका अनुमान है कि झटका की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 के करीब होगी।

Hindi News / Science & Technology / Crack on Moon: चंद्रमा की सतह पर पड़ रही है बड़ी दरारें, पृथ्वी को भी हो सकता है खतरा !

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.