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विज्ञान और टेक्नोलॉजी

समुद्र तल में सूरज की रोशनी के बगैर बन रही है ऑक्सीजन

वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम की खोज, प्रकाश संश्लेषण को चुनौती

नई दिल्लीJul 25, 2024 / 12:12 am

ANUJ SHARMA

वॉशिंगटन. वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने गहरे समुद्र में ‘डार्क ऑक्सीजन’ की खोज की है। टीम के शोध के मुताबिक प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पंप कर रही है। यह हिस्सा इतनी गहराई में है कि वहां सूरज की रोशनी पहुंचना नामुमकिन है। प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेसिस) के बगैर वहां ऑक्सीजन बनना वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रहा है।द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेचर जियोसाइंस जर्नल में छपे शोध में बताया गया कि समुद्र की सतह से करीब 4,000 मीटर (13,100 फीट) नीचे पूर्ण अंधेरे में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसे डार्क ऑक्सीजन नाम दिया गया। वैज्ञानिक अब तक मानते रहे हैं कि सूरज की रोशनी के बगैर ऑक्सीजन नहीं बन सकती। नई खोज प्रकाश संश्लेषण के जरिए ऑक्सीजन बनने की धारणा को चुनौती देती है। इतनी गहराई में ऑक्सीजन का उत्पादन इसलिए नामुमकिन माना जाता है, क्योंकि प्रकाश संश्लेषण के लिए वहां सूरज की रोशनी नहीं होती।
गहराई में पानी के अणुओं का विभाजन

शोध के दौरान यह जानकारी भी हैरान करने वाली है कि समुद्र की गहराई में ऑक्सीजन पौधे नहीं बना रहे हैं। शोध के सह-लेखक एंड्रयू स्वीटमैन के मुताबिक वहां ऑक्सीजन धातु के नोड्यूल्स (पिंडों) से निकलती है, जो कोयले के ढेर के समान होते हैं। आलू के आकार के ये नोड्यूल्स पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बांटते हैं। स्वीटमैन ने कहा, इस खोज से नई बहस छिड़ सकती है।
जीवन की शुरुआत की पहेली

पृथ्वी की आधी ऑक्सीजन समुद्र से आती है। एंड्रयू स्वीटमैन का कहना है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत के लिए ऑक्सीजन जरूरी थी। अब तक हमारी समझ रही है कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हुई। अब इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है कि जीवन की शुरुआत कहां से हुई।

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