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सवाई माधोपुर

नहीं बच सकीं 7 दिनों से बोरवेल में गिरी महिला, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने से पहले ही मौत

विगत छह दिनों से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें महिला को बाहर निकालने का प्रयास करता रहा, लेकिन बार-बार आ रही बाधाओं के चलते रेस्क्यू में देर हुई, जिसके बाद 7 वें दिन रेस्क्यू टीम ने महिला का शव बरामद किया है।

सवाई माधोपुरFeb 12, 2024 / 01:58 pm

Suman Saurabh

राजस्थान के गंगापुर सिटी जिले में 7 दिन पहले बोरवेल में गिरी महिला रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मृत पाई गईं। मृत महिला गत मंगलवार (6 फरवरी) को खेत में बने एक कच्चे बोरवेल में महिला गिर गई थी। विगत छह दिनों से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें महिला को बाहर निकालने का प्रयास करता रहा, लेकिन बार-बार आ रही बाधाओं के चलते रेस्क्यू में देर हुई, जिसके बाद 7 वें दिन रेस्क्यू टीम ने महिला का शव बरामद किया है। महिला की मौत के बाद परिजन व गांव में सन्नाटा पसर गया है। घटना बामनवास क्षेत्र के रामनगर ढोसी गांव की है।

 

 

परिजन के अनुसार, गत 6 फरवरी की रात 8 बजे के आसपास 25 वर्षिय महिला मोना बैरवा खेत की ओर गई थी और वहां बने कच्चे बोरवेल में गिर गई। महिला के देर रात तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन उसका पता नहीं चल सका। बुधवार सुबह कच्चे बोरवेल के पास महिला की चप्पल दिखाई दी, तो परिजनों को उसके बोरवेल में गिरने का अंदेशा हुआ। परिजनों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। एनडीआरफ को भी सूचित किया गया और एक मेडिकल टीम भी मौके पर पहुंची। जिसके बाद बुधवार शाम करीब 5 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन को शुरू किया गया। जांच में पाया गया है कि महिला, करीब बोरवेल 90 से 100 फीट गहराई में फंसी हुई थी। एसडीआरएफ व एनडीआरफ की टीमों ने तमाम संभावनाओं पर विचार कर महिला को सुरक्षित निकालने का जद्दोजहद जारी रखा, लेकिन अंत में निराशा हाथ लगी।

100 फीट की ड्रिलिंग

बोरवेल में महिल 90 फीट की गहराई पर फंसे होने के बाद रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के समीप 100 फीट गहरा गड्ढा खोदा। लेकिन गड्ढे में पानी आने से सुरंग बनाने व महिला को रेस्क्यू करने में दिक्कतें आती रही। गड्ढे में भरे पानी को पम्प सेट के माध्यम से बाहर निकाला जाता रहा। इस दौरान करीब 3 दिनों का समय बीत गया, लेकिन टीमें सफल नहीं हो पाई। हालांकि एक बार रेस्क्यू टीम ने महिला का एक हाथ रस्से से पकड़ लिया, लेकिन दूसरा … हाथ पकड़ में नहीं आया। हुक डालकर भी महिला को बोरबेल से निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन हुक में महिला के कपड़े ही बाहर आ पाए।

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लगातार 114 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

फिर रेस्क्यू टीम ने प्लान बी के तहत बोरवेल के समीप जेसीबी व एलएनटी की मशीनों के जरिए खुदाई शुरू की। लेकिन नमी ज्यादा होने के कारण मिट्टी भसकने लगी। बार-बार मिट्टी गिरने से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार बाधा उत्पन्नहोने के कारण प्रशासन ने जयपुर से पायलर मशीन मंगाया। एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के नजदीक पायलर मशीन से करीब 100 फीट गहरा गड्ढा खोदा और पाइप डालने का काम पूरा किया। शनिवार शाम को एनडीआरएफ के जवान बारी-बारी से ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क लगाकर गड्ढे में उतरे और बोरबेल तक चार फीट लंबी व ढाई फिट चौड़ी सुरंग बनाने का काम शुरू किया। हालांकि बाद में जबतक रेस्क्यू टीम महिला के पास पहुंच सकी, तब काफी देर हो चुकी थी। किसी तरह जवानों को महिला के शव को बाहर निकाला। बाद में पुलिस ने पोस्टमार्टम कर शव को परिजन को सौंप दिया है।

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