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सवाई माधोपुर

Rajasthan News : सरकार साथ दे तो किसान होंगे मालामाल, इस फल की खेती से हो सकता है लाखों का मुनाफा

जिले के किसानों ने भले ही परंपरागत फसलों को छोड़कर अमरूदों के बाद खजूर की बागवानी की ओर कदम बढ़ाए, लेकिन खजूर की बागवानी में अनुदान नहीं मिलने से किसानों का खजूर की बागवानी के प्रति मोहभंग होने लगा है।

सवाई माधोपुरOct 27, 2023 / 02:22 pm

Kirti Verma

सवाईमाधोपुर. जिले के किसानों ने भले ही परंपरागत फसलों को छोड़कर अमरूदों के बाद खजूर की बागवानी की ओर कदम बढ़ाए, लेकिन खजूर की बागवानी में अनुदान नहीं मिलने से किसानों का खजूर की बागवानी के प्रति मोहभंग होने लगा है। विशेषतौर पर करमोदा के किसानों का ज्यादा रूझान था, लेकिन सरकार की ओर से सब्सिडी नहीं मिलने से अब यहां भी खजूर की बागवानी बंद सी हो गई है।

तीन हजार रुपए का मिलता है प्रति पौधा
किसानों की खजूर की खेती में कम रुचि दिखाने की एक वजह यह भी है कि खजूर का प्रति पौधा तीन हजार रुपए में उपलब्ध होता है। ऐसे में किसान भी इतने महंगे पौधे नहीं खरीद रहे हैं, जबकि सरकार इन पर कोई अनुदान नहीं दे रही है। यदि सरकार अनुदान उपलब्ध कराए तो जिले के किसान खजूर की बागवानी कर मालामाल हो सकते है। लेकिन फिलहाल यह दूर की कौड़ी ही साबित हो रहा है।


मंगवाई थी बरही व खुनेजी किस्म
जिले में वैसे तो अमरूदों की बंपर पैदावार होती है और राज्य सहित देशभर में सवाईमाधोपुर जिले का अमरूद बिकने के लिए जाता है लेकिन पिछले कुछ सालों से अमरूदों में कीट-बीमारियों का प्रकोप होने व उत्पादन कम मिलने से किसानों ने खजूर की नवाचार पद्धति को अपनाया था। कृषि विभाग की प्रेरणा से क्षेत्र के करमोदा व दौंदरी के कुछ किसानों ने खजूर के बरही और खुनेजी किस्म मंगवाई थी। हालांकि इन किसान के खेतों पर खजूर के पौधे लगे है और दो साल के हो गए है। इनमें पांच साल के बाद ही फल आएंगे। लेकिन खजूर के पौधे महंगे होने व अनुदान नहीं मिलने से अन्य किसानों ने कोई रूचि नहीं दिखाई।


जैसलमेर से खरीदे थे पौधे
खजूर की बरही व खुनेजी किस्म के पौधे उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसानों ने जैसलमेर के खजूर उत्कृष्टता केन्द्र सगरा भोजका फार्म से खरीदे थे। ये पौधे आठ मीटर दूरी पर लगाए गए थे। इनमें पांच साल बाद खजूर के एक पौधे से 50 से 150 किलो तक फल मिल सकेंगे। इससे करीब चार से दस हजार रुपए तक प्रति पौधे आमदनी होनी है।

फैक्ट फाइल
– जिले में करमोदा व दौंदरी में है खजूर की बागवानी।
– जिले में करीब तीन से चार जगहों पर लगे हैं खजूर के पौधे।
– खजूर के प्रति पौधे की दर- 3 हजार रुपए।
– एक खजूर के पौधे पर 50 से 150 किलो तक आते हैं फल।
– पांच साल में आने शुरू हो जाते हैं खजूर के फल।
– 70 साल तक आते हैं फल।
– 20 पौधे लगाने पर सालाना दो से ढाई लाख तक की होती है आमदनी।

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देना चाहिए अनुदान
जिले में खजूर की बागवानी करने के लिए अनुदान नहीं दिया जा रहा है। इससे किसानों की रूचि कम है। सरकार को खजूर की बागवानी पर पौधे लगाने के लिए अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकें और बागवानी में नवाचार की तकनीक अपना सकें।
लटूरसिंह गुर्जर, प्रदेश मंत्री किसान संघ, सवाईमाधोपुर


खजूर के पौधे का मूल्य अधिक है। यदि सरकार की ओर से किसानों को खजूर के पौधों पर अनुदान मिले तो किसानों की रुचि बढ़ेगी। खजूर के प्रति पौधे की कीमत तीन हजार रुपए है। ऐसे में इतने मंहगे पौधे किसान नहीं खरीद पाते है। ऐसे में किसान खजूर की बागवानी में रूचि नहीं ले रहे हैं।
चन्द्रप्रकाश बढ़ाया, उपनिदेशक, उद्यान विभाग सवाईमाधोपुर

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