रिश्वत का नाम रखा था ‘संकल्प’ पत्रिका के हाथ लगी जांच रिपोर्ट के अनुसार मैहर के प्रभारी ब्लाॅक प्रबंधक एनआरएलएम सप्तेन्द्र मिश्रा और सहायक विकासखंड प्रबंधक प्रदीप उरमलिया समूहों से खरीदी केन्द्र के लिए फोन पर ही सौदेबाजी करते थे। पकड़े न जाएं, लिहाजा रिश्वत को ‘संकल्प’ के रूप में संबोधित करते थे।
इस तरह होती थी बातचीत - सप्तेन्द्र मिश्रा : होना फूड से है और सिस्टम तो जानती हो, होना वहीं से है।
- समूह अध्यक्ष : कुछ न कुछ तो बताना पड़ेगा कि ‘संकल्प’ कितने का लगेगा।
- सप्तेन्द्र मिश्रा : ‘संकल्प’ का भी ऐसा मान रहा हूं कि 50 के आसपास। और जेएसओ के भी साइन होते हैं, तो ‘संकल्प’ में वही तो करेंगे नाटक। तो ऐसा अपन मान रहे हैं कि 50 तक। अपने पसंद के केन्द्र से संबंधित मेरे या जनपद सीईओ के नाम आवेदन दे देना।
- समूह अध्यक्ष : जी
- सप्तेन्द्र मिश्रा : सिस्टम में एसडीएम सर को भी शामिल करना। उनमें भी वो होने हैं, फूड को भी करना है। सरकारी सिस्टम में जब घुस जाओ तो समझो सिस्टम। 50 लाख की नर्सरी के लिए सीईओ साहब से बात करवा देते हैं। सेवा जैसा रहेगी होता रहेगा।
- समूह अध्यक्ष : जैसा आप बोलते जाएंगे, वैसा होता जाएगा।
कलेक्टर ने गठित की थी जांच समिति मामला सामने आने पर कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने एडीएम शैलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। समिति ने जांच में स्पष्ट तौर पर माना है कि प्रभारी ब्लॉक प्रबंधक एनआरएलएम सप्तेन्द्र मिश्रा एवं इनके सहयोगी सहायक विकासखंड प्रबंधक प्रदीप उरमलिया दोषी हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा भी समिति ने की। समिति ने यह भी कहा है कि सप्तेन्द्र मिश्रा और प्रदीप उरमलिया जो महिलाओं को सशक्त करने तथा उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसे कार्यक्रम में विकासखंड मैनेजर के पद पर थे, इन्होंने महिला स्व सहायता समूहों को विभिन्न माध्यमों यथा गेहूं खरीदी केन्द्र आवंटन, पीडीएस दुकान बंटन, गणवेश सहित अन्य मदों में जाने वाली राशि में भ्रष्टाचार करते हुए अपना कमीशन मांगा। यह राशि इनके खाते से या अन्य रूपों में इनसे प्राप्त कर इनके साथ वित्तीय कदाचरण और अमानत में ख्यानत जैसा गंभीर अपराध किया। इसके साथ ही एक ही ब्लॉक में 5 साल से पदस्थ होने का भी लाभ इन्होंने उठाया। समिति ने इन दोनों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
यह हुई कार्रवाई समिति की जांच रिपोर्ट के बाद जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने सप्तेन्द्र मिश्रा एवं प्रदीप उरमलिया को विकासखंड अमरपाटन में मूल पद पर कार्य करने आदेश जारी कर दिए हैं। इन्हें तत्काल नवीन पदस्थापना पर उपस्थिति देने कहा गया है।