इस क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर भी निगम की मनमर्जी चलती है। निगम के अधिकारियों को जब मन करता है, तो क्षेत्र में विकास कार्य होते हैं। कभी किसी अधिकारी को नाराजगी हुई, तो वार्ड को अवैध बताकर विकास कार्य रोक दिया जाता है। ऐसी ही मनमर्जी का आलम है कि क्षेत्र के बड़े हिस्से में बिजली, सड़क, पानी व नाली के लिए जनता परेशान है। जबकि इस क्षेत्र से निगम संपत्तिकर वसूलता है।
इस वार्ड में जलावर्धन के तहत भी मनमानी हुई है। निगम के अधिकारियों ने बड़ा खेल किया है। रहवासी बताते हैं, जलावर्धन के नाम पर क्षेत्र से राशि वसूली गई। इसके बाद घरों में कनेक्शन तक दे दिए गए। लेकिन, जलावर्धन के तहत आज तक मुख्य पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। इस संबंध में कोई सुनने को तैयार नहीं है।
वार्ड में जगह-जगह हैंडपंप लगाए गए हैं। लेकिन, उससे भी पानी नहीं मिल रहा है। जलस्तर नीचे चले जाने के कारण हैंडपंप हवा उगल रहे हैं। कई जगह टूटे पड़े हैं। घर के पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण कार्य भी नहीं करवाया गया। इससे सड़क पर पानी बहता है। गंदगी बजबजाती है। जल निकासी के लिए अभी तक व्यवस्था नहीं है।
घरों में पेयजल व्यवस्था न होने के चलते महिलाएं रिक्शे में ड्रम व डिब्बे रखकर पानी के लिए इधर-उधर भटकती नजर आती हैं। वार्ड में 110 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत 13.5लाख लीटर का एक ओवर हेड टैंक भी बना है। बावजूद इसके निगम प्रशासन द्वारा रहवासियों को पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा।
सिविल लाइन में बना ठाकुर रणमत सिंह पार्क भी निगम की अनदेखी का शिकार हो गया है। एक तरफ मास्टर प्लान के पार्क को सबसे बेहतर बनाने के लिए आए दिन कोई न कोई कार्य होते रहते हैं। लेकिन बस्ती के बीच पार्क को लेकर टालमटोल जारी है।
वार्ड में प्रकाश के लिए कुछ जगहों पर विद्युत पोल लगाए गए थे। वे भी अब टेढ़े हो गए हैं। तार नीचे की ओर झूल रही है। स्ट्रीट लाइट हर दूसरे दिन बंद रहती है। कई मर्तबा नगर निगम में शिकायत करने के बाद भी विद्युत व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया। झूलती तार व टेढ़े पोल से कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
वार्ड के रहवासी क्षेत्र की सड़क गांव से ज्यादा खस्ताहाल है। कच्ची सड़क के चलते हल्की बरिश के दौरान पूरा मार्ग कीचड़ से पट जाता है। नगर निगम इस वार्ड से संपत्तिकर, जलकर सभी टैक्स वसूलता है। बुनियादी सुविधा देने के नाम पर जुमलेबाजी की जाती है।
शांति तिवारी, पार्षद
सुनील भसीन
विमलेश त्रिपाठी
पं. शैलेष शास्त्री हरिजन बस्ती में कुछ भी नहीं है। निगम अधिकारियों से कहते हैं, तो वह कहते हैं कि यह बस्ती अवैध है। हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
हिरनिया चौधरी
विसनिया चौधरी वार्ड में नाली न होने के कारण रात में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। शिकायत वार्ड पार्षद के अलावा कमिश्नर से की गई, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।
दूजिबाई
जानकी बाई
छत्रधारी चौधरी सीवर लाइन डालने के बाद उसे व्यवस्थित नहीं किया गया, जिस कारण आम जनता का पैदल चलना दूभर हो गया है। अमृत जलम का पानी हम लोगों के लिए नहीं है।
प्रेमकांत यादव
संतोष रैकवार हम लोगों को पानी की नई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हम लोग दूर से पानी लाते हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई। इसके बाद भी पानी नहीं मिल रहा है।
बिट्टन चौधरी
चन्द्रकली हमारी गली महापौर के निवास के पीछे होने के बाद भी हम लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं। जब भी सड़क निर्माण की बात करते हैं तो वह उसे अवैध कालोनी बताती हैं। हम लोगों को आए दिन काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
राजेन्द्र पयासी