सुबह 10.30 बजे नगर निगम कार्यालय पहुंचे आइएसओ के ऑडिट अधिकारी ने सबसे पहले भवन एवं पार्किंग व्यवस्था का मूल्यांकन किया। परिसर में बाउंडीवाल न होना, हरियाली एवं उखड़े पेवर्स ऑडिट में फेल हो गए। चौकाने वाली बात यह है कि शहर के सबसे सुंदर सरकारी भवनों में शामिल सात करोड़ की बिल्डिंग आइएसओ मानक में फेल हो गई। ऑडीटर ने भवन के सामने की डिजाइन में सुधार के कई सुझाव दिए।
आइएसओ मानक में खरा उतरने सफाई कर्मचारी रातभर निगम कार्यालय को चमकाने में जुटे रहे। लेकिन जब सुबह आडिट टीम ने सफाई व्यवस्था का मूल्यांकन किया तो दो कमरों की दीवारों से लेकर टायलट की सीट तक पड़े पान-गुटखे की पीकों के निशानों ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। निर्माण शाखा के निरीक्षण के दौरान एवं लिपिक की कुर्सी के बगल में दीवर पर पान की पीक के छटे मिल गए। जांच अधिकारी ने कर्मचारी को साबुन से दीवार के दाग साफ करने और कार्यालय को साफ रखने के निर्देश दिए।
जांच अधिकारी ने जब ननि के अधिकारी कर्मचारियों के परिचय पत्र एवं डे्रस को आइएसओ मानक की कसौटी में कसा तो दोनों फेल हो गए। टीम ने अधिकारियों को कर्मचारियों की बर्दी में नगर निगम का स्टीकर एवं परिचय पत्र में नाम पता के साथ मोबाइल नंबर एवं कर्मचरियों का ब्लड ग्रुप लिखकर नई आईडी बनवाने को कहा।
जांच के दौरान जब सर्वे अधिकारी ने रिकार्ड संधारण, पब्लिक सर्विस, निर्माण कार्य एवं सामग्री की गुणवत्ता जांच कैसे करते हैं। दिनभर किए गए कार्यों की योजना कैसे बनाते हैं, इस पर अधिकारियों से जानकारी चाही तो विभाग प्रमुखों को पसीना छूट गया। विद्युत शाखा के अधिकारी एक भी सवाल का संतोष जनक जवाब नहीं दे सके। यही स्थित निर्माण शाखा के इंजीनियों की भी रही।
जांच अधिकारी ने निगम कार्यालय के कमरों से लेकर छत तक भवन के हर कोने का निरीक्षण किया। शाम को लगभग ५.३० बजे जिन टंकियों से निगम भवन में पानी की सप्लाई होते है उनकी जांच के लिए भवन की छत पर चढ़े तो वहां पर रखी एक टंकी का ढक्कन गायब था। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की इस टंकी का पानी तो हाथ धोने लायक भी नहीं है तुमलोग पीने के लिए उपयोग कर रहे हो। एक टंकी से पानी ओवर फ्लो होता मिला। आडिट अधिकारी एनआर चन्द्रशेखर ने निगम अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा की पानी की बर्बादी अक्षम अपराध है। यदि आप लोग इसे नहीं रोक पाए तो आइएसओ प्रमाणपत्र मिलना मुश्किल है।
निरीक्षण के बाद शाम को जांच अधिकारी ने पूरी ऑडिट रिपोर्ट ननि अधिकारियों के सामने रखते हुए उसमें सुधार के निर्देश दिए। ऑडिट में जो कमिया मिली हैं उन्हें सुधारने निगम प्रशासन के पास एक माह का समय हैं। दिसंबर में आइएसओ की टीम निगम कार्यालय की अंतिम ऑडिट करेगी। यदि निगम प्रशासन आइएसओ प्रमाण पत्र लेना चाहता है तो उन्हें एक माह में कार्यालय की सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं में मानक के अनुरूप सुधार करना होगा।