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सतना

पान की पीक ने पहले राउंड में फेरा निगम की सफाई पर पानी, अफसर समझ नहीं पाए इतनी खामियां निकाल दीं

आइएसओ प्री टेस्ट में नगर निगम फेल, व्यवस्था सुधारने एक माह की मोहलत
 

सतनाOct 30, 2018 / 02:38 am

Balmukund Dwivedi

Nagar nigam satna

Nagar nigam satna ISO Pre Test

सतना. आइएसओ ऑफिस की प्री ऑडिट परीक्षा में नगर निगम फेल हो गया है। सुबह दिल्ली से सतना पहुची आइएसओ की तीन सदस्यीय टीम ने नगर निगम कार्यालय का बारीकी से निरीक्षण किया। छह घंटे चली आडिट में नगर निगम भवन से लेकर डायटेल तक तथा कमरों से लेकर क्षत तक हर उस जगह का निरीक्षण कर त्रुटियां पकड़ी जिनकी निगम के अधिकारियों ने कल्पना तक नहीं की थी। निगम प्रशासन के लिए राहत की बात यह रही कि रिकार्ड संधारण व्यवस्था आइएसओ मानक के अनुरूप पाई गई। निरीक्षण के बाद अधिकारियों की क्लोजिंग बैठक लेते हुए ऑडिट अधिकारी ने भवन डिजाइन, सुरक्षा,साफ-सफाई, उपभोक्ता सर्विस, निर्माण तथा ग्रीनवेल्ट एरिया की व्यवस्थाओं पर असंतोष व्यक्त करते हुए सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने ने आइएसाओ मानक पर खरा उतारने अधिकारियों को टिप्स दिए और कहा की आइएसओ सर्टिफिकेट चाहिए जो व्यवस्थाएं मानक के अनुरूप नहीं है उसमें फाइनल ऑडिट से पहले 90 फीसदी सुधार करें।
सात करोड़ की बिल्डिंग मानक में फेल
सुबह 10.30 बजे नगर निगम कार्यालय पहुंचे आइएसओ के ऑडिट अधिकारी ने सबसे पहले भवन एवं पार्किंग व्यवस्था का मूल्यांकन किया। परिसर में बाउंडीवाल न होना, हरियाली एवं उखड़े पेवर्स ऑडिट में फेल हो गए। चौकाने वाली बात यह है कि शहर के सबसे सुंदर सरकारी भवनों में शामिल सात करोड़ की बिल्डिंग आइएसओ मानक में फेल हो गई। ऑडीटर ने भवन के सामने की डिजाइन में सुधार के कई सुझाव दिए।
रातभर की मेहनत फेल
आइएसओ मानक में खरा उतरने सफाई कर्मचारी रातभर निगम कार्यालय को चमकाने में जुटे रहे। लेकिन जब सुबह आडिट टीम ने सफाई व्यवस्था का मूल्यांकन किया तो दो कमरों की दीवारों से लेकर टायलट की सीट तक पड़े पान-गुटखे की पीकों के निशानों ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। निर्माण शाखा के निरीक्षण के दौरान एवं लिपिक की कुर्सी के बगल में दीवर पर पान की पीक के छटे मिल गए। जांच अधिकारी ने कर्मचारी को साबुन से दीवार के दाग साफ करने और कार्यालय को साफ रखने के निर्देश दिए।
आइडी कार्ड व डे्रस भी अमानक
जांच अधिकारी ने जब ननि के अधिकारी कर्मचारियों के परिचय पत्र एवं डे्रस को आइएसओ मानक की कसौटी में कसा तो दोनों फेल हो गए। टीम ने अधिकारियों को कर्मचारियों की बर्दी में नगर निगम का स्टीकर एवं परिचय पत्र में नाम पता के साथ मोबाइल नंबर एवं कर्मचरियों का ब्लड ग्रुप लिखकर नई आईडी बनवाने को कहा।
आडिट परीक्षा में अधिकारी भी फेल
जांच के दौरान जब सर्वे अधिकारी ने रिकार्ड संधारण, पब्लिक सर्विस, निर्माण कार्य एवं सामग्री की गुणवत्ता जांच कैसे करते हैं। दिनभर किए गए कार्यों की योजना कैसे बनाते हैं, इस पर अधिकारियों से जानकारी चाही तो विभाग प्रमुखों को पसीना छूट गया। विद्युत शाखा के अधिकारी एक भी सवाल का संतोष जनक जवाब नहीं दे सके। यही स्थित निर्माण शाखा के इंजीनियों की भी रही।
पानी की बर्बादी देख लगाई लगाई फटकार
जांच अधिकारी ने निगम कार्यालय के कमरों से लेकर छत तक भवन के हर कोने का निरीक्षण किया। शाम को लगभग ५.३० बजे जिन टंकियों से निगम भवन में पानी की सप्लाई होते है उनकी जांच के लिए भवन की छत पर चढ़े तो वहां पर रखी एक टंकी का ढक्कन गायब था। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की इस टंकी का पानी तो हाथ धोने लायक भी नहीं है तुमलोग पीने के लिए उपयोग कर रहे हो। एक टंकी से पानी ओवर फ्लो होता मिला। आडिट अधिकारी एनआर चन्द्रशेखर ने निगम अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा की पानी की बर्बादी अक्षम अपराध है। यदि आप लोग इसे नहीं रोक पाए तो आइएसओ प्रमाणपत्र मिलना मुश्किल है।
यवस्था सुधारने एक माह की मोहलत
निरीक्षण के बाद शाम को जांच अधिकारी ने पूरी ऑडिट रिपोर्ट ननि अधिकारियों के सामने रखते हुए उसमें सुधार के निर्देश दिए। ऑडिट में जो कमिया मिली हैं उन्हें सुधारने निगम प्रशासन के पास एक माह का समय हैं। दिसंबर में आइएसओ की टीम निगम कार्यालय की अंतिम ऑडिट करेगी। यदि निगम प्रशासन आइएसओ प्रमाण पत्र लेना चाहता है तो उन्हें एक माह में कार्यालय की सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं में मानक के अनुरूप सुधार करना होगा।

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