बताया जा रहा है कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों को इस तरह की धमकियां लगातार मिल रही हैं। ये बेहद चिंता की बात है कि ऐसे समय में भी अस्पताल प्रबंधन मामले पर उदासीन रवैय्या अपनाए हुआ है, जब भी देश में ऐसी कोई बड़ी घटना घटती है, तब सरकारें जागती हैं और बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन ये दावे महज ढकोसला साबित होते हैं। अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों की जान को हमेशा ऐसा जोखिम बना रहता है।
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जिम्मेदारों का रवैय्या उदासीन
घटना के बाद मीडिया द्वारा जब ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ज्ञानेश गौतम से सवाल किया गया तो उन्होंने पहले तो इस तरह की किसी भी घटना से इंकार किया, लेकिन बाद में एक न्यूज चैनल से हुई फोन पर बातचीत के दौरान स्वीकार किया कि धमकी देने वाले शख्स ने कोलकाता कांड जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बावजूद अस्पताल प्रभारी बी.के. गौतम खुद को इस घटना से दूर रखे हुए हैं और मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों का फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। सिर्फ एक लिखित शिकायत थाने पहुंचाकर मामला रफा-दफा कर दिया। यह भी पढ़ें- अब रात 12 बजे के बाद नहीं मिलेगी शराब, रेस्टोरेंट, पब और दुकानों को सख्त आदेश, नियम तोड़ा तो रद्द होगा लाइसेंस