कमलनाथ ने कहा कि, जब हमने शपथ ली थी, तब मध्य प्रदेश महिला अत्याचार, भ्र्ष्टाचार, बेरोजगारी, आत्महत्या में नंबर वन राज्य था। बहुत चुनौतियां थी, ऐसा प्रदेश हमें भाजपा से मिला था। शिवराज कहते हैं, एक लाख को रोजगार देंगे, मैं कहता हूं 10 को दिखा दो। शिवराज में बहुत कलाकारी है। उनकी कलाकारी से प्रदेश थक गया है। मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं,मैं तैयार हूं। आइए सामने खड़े होइए।
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शिवराज को माफी मांगनी चाहिए- कमलनाथ
अतिथि शिक्षकों की भर्ती निकाली, लेकिन अबतक चुनिंदा को ही सिलेक्ट किया है।। मैंने घोषणा नहीं की, लेकिन 100 रुपये बिजली बिल किया, पेंशन बढ़ाई, विवाह योजना बढ़ाई। मेरा मानना है कि घोषणा करना आसान है, मैं काम करना चाहता था, मुझे मौका नहीं मिला। स्कूल में मास्टर नहीं, अस्पताल में डाक्टर नहीं, फिर भी शिवराज आते हैं, बोलते हैं। शिवराज को तो माफी मांगनी चाहिए।
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मोदी सरकार पर हमला
पीएम मोदी ने कहा था कि, 20 हजार करोड़ कोरोना से लड़ने के लिए मध्य प्रदेश को दूंगा , सिर्फ सतना में ही साढ़े 5 हजार लोग मर गए। 2014 में किसान की बात नहीं करते, राष्ट्रवाद, पाकिस्तान की बात करने लगे। आपकी पार्टी में एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं और आप कांग्रेस को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाते हैं।
छलका दर्द
ऐसा कोई देश नही जहां इतनी भाषाएं, देवी देवता हैं। ये देश की विविधता है। अंबेडकर ने संविधान ये सोच कर नहीं बनाया था कि, राजनीति में सौदेबाजी आ जाएगी, सरकारें सौदे से बन जाएंगी। मैंने सिर्फ एक गलती की, वो ये कि सौदा नहीं किया, वरना मैं सीएम बना रहता। मैं नहीं चाहता कि, मध्य प्रदेश सौदे की राजनीति का प्रवेश हो। 30 को आप जो बटन दबाएंगे, वो कांग्रेस या कल्पना के नाम का नहीं, बल्कि अपने देश के भविष्य,जोड़ने, भाईचारे की संस्कृति का बटन दबाएंगे।
जब किसान की जेब भरेगी, तभी होगा प्रदेश का विकास
शिवराज सिंह की आंख किसानों की पीड़ा देखने को नहीं चलती, लेकिन उनका मुंह बहुत चलता है। हमारे प्रदेश की व्यवस्था कृषि पर केंद्रित है, प्रगति तभी होगी जब किसान की जेब मे पैसा हो। हमने कर्ज माफ किया 45 हजार का सतना में 27 लाख का प्रदेश में कर्ज माफ किया। हम कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लाना चाहते थे, हमने शुरुआत की थी।
पांच राज्यों से घिरा है प्रदेश फिर भी कोई नहीं कर रहा यहां निवेश
बुजुर्गों नौजवानों की दुनिया कुछ और है। नौजवान में हाथों में काम होने की तड़प है। रोजगार मंदिर-मस्जिद जाकर नहीं आएगा, निवेश से आएगा और वो तभी होगा जब प्रदेश पर लोगो को विश्वास होगा। मप्र पांच राज्यों से घिरा है। देश का हृदय है, लेकिन यहां कोई निवेश करने नहीं आता। प्रदेश की पहचान माफिया और मिलावट से नहीं होनी चाहिए, इसलिए हमने शुद्ध का युद्ध शुरू किया था।