लगी रही आग, अफसर मूक दर्शक बने रहे चित्रकूट कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद के बाहर लोग प्रसाद चढ़ाने के साथ ही अनियंत्रित तरीके से दीपक जला रहे थे। नतीजा यह हुआ कि यहां पर आग सुलग उठी थी। अगरबत्ती और दीपक जलाने को लेकर यहां पर प्रतिबंध है। 2014 में इसी स्थल पर हुई थी भगदड़ और इसी तरह की आग की वजह से भगदड़ की शुरुआत हुई थी। तब यहां दीपक और अगरबत्ती पर प्रतिबंध लगाया गया। लेकिन अब सब बेअसर है। पुलिसकर्मी तमाशबीन बने देखते रहे।
प्रथम मुखारबिंद में भीड़ नियंत्रण फेल कामतानाथ भगवान के प्रथम मुखारबिंद के पास का नजारा है दोपहर तक भारी भीड़ से भरा रहा। कई बार स्थिति बेकाबू होती नजर आई। काफी संख्या में महिलाओं की स्थिति बिगड़ने की खबर है। यहां क्राउड मैनेजमेंट फेल नजर आया। निजी ट्रस्ट होने के कारण प्रशासन भीड़ नियंत्रण के लिए पुख्ता और स्थायी इंतजाम करने में लाचार है, ट्रस्ट के लोगों को हर महीने दान से मिली करोड़ों की राशि से मतलब रहता है लेकिन मंदिर के रखरखाव , साफ सफाई और व्यवस्थाओं पर ये फूटी कौड़ी भी खर्च नही करते। ट्रस्ट की मनमानी के कारण अराजकता की ये स्थिति लगभग हर अमावस्या को होती है।
स्थानीय लोग परेशान
स्थानीय लोग परेशान
परिक्रमा पथ में काफी संख्या में लोगों के घर बने हुए हैं। लेकिन भीड़ को देखते हुए स्थानीय लोगों को ही चित्रकूट में अमावस्या मेला के दौरान उनके घर तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। पुलिस कल शाम से ही उनको रोक रही है। घर की जरूरी वस्तुओं को भी नहीं ले जा पा रहै है स्थानीय। यहां तक कि मरीजों को भी ले जाने में समस्याएं हो रही हैं। चित्रकूट का आधार कार्ड व स्थानीय निवास प्रमाण पत्र दिखाने के बाद भी कई जगह बैरिकेड लगाए हुए पुलिसकर्मी स्थानीय लोगों को नहीं निकालने दे रहै है।
राघव प्रयाग घाट में डूबने से एक की मौत मंदाकिनी नदी में होमगार्ड द्वारा बोट के जरिये पुख्ता इंतजाम के दावे किए जाते हैं लेकिन इस भीड़ में अनदेखी का आलम यह रहा कि यहां डूबने से एक 19 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक का नाम प्रदुम कुशवाहा पुत्र रामचंद्र कुशवाहा निवासी अवंती नगर बांदा उत्तर प्रदेश बताया गया है। बताया जा रहा है कि जब यह हादसा हुआ नदी पर होमगार्ड के जवान तैनात नहीं थे। ये लोग घाट पर मौजूद रहे। अब एमपी यूपी सीमा विवाद खड़ा कर मामले को एक दूसरे पर डालने की कोशिश की जा रही है। आरोप है कि होमगार्ड की टीमों की लापरवाही के चलते गई है युवक की डूबने से मौत हुई। सभी होमगार्ड की टीमें भरत घाट में खड़ी थी और नाव के द्वारा कोई मूवमेंट नहीं था। जिसके चलते यह घटना घटी है। यह भी बताया जा रहा है कि लोग बिना रोक टोक के नदी में गहरे पानी में जा रहे हैं तैर कर इस पार से उस पार भी जा रहे है। न कोई रोक रहा न अनाउंसमेंट किया जा रहा है। उधर यूपी के हिस्से में इंतजाम कुछ दुरुस्त नजर आ रहे हैं।
ट्रैफिक व्यवस्था हुई बेपटरी इस बार के मेल में ट्रैफिक व्यवस्था भी फेल नजर आई। रामघाट और बेड़ी पुलिया से लेकर शहर तक लगा लंबा जाम लगा रहा। बताया जा रहा है िक रामघाट से लेकर शहर तक 4 किलोमीटर तक लगा लंबा जाम बना रहा। कई घंटे से राहगीर जाम के झाम में फंसे रहे।
पानी का भीषण संकट कामदगिरि परिक्रमा पहुंच मार्ग और कामदगिरि परिक्रमा में पानी का भीषण संकट नजर आ रहा है। सभी पानी की टंकियों का पानी दो बजे तक खत्म हो चुका है। श्रद्धालु पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। सतना बस स्टैंड में भी पानी के पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। यह प्रशासनिक इंतजामों की अनदेखी की वजह से होना बताया जा रहा है।
ई-रिक्शा नाले में गिरा
गुप्त गोदावरी की ओर जा रहा यात्रियों से भरा ई रिक्शा अनियंत्रित होकर एक गहरे नाला में गिरा। जिससे सभी बैठे यात्रियों को चोंट आई हैं। राहगीरों की मदद से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया।चित्रकूट एसडीओपी आशीष जैन मौके पर पहुंचे हैं। एसडीओपी के निर्देश पर थाना प्रभारी अभिषेक पांडेय मौके में अपने पुलिस बल के साथ पहुंच एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को जानकीकुंड चिकित्सालय उपचार के लिए भेजा।
गुप्त गोदावरी की ओर जा रहा यात्रियों से भरा ई रिक्शा अनियंत्रित होकर एक गहरे नाला में गिरा। जिससे सभी बैठे यात्रियों को चोंट आई हैं। राहगीरों की मदद से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया।चित्रकूट एसडीओपी आशीष जैन मौके पर पहुंचे हैं। एसडीओपी के निर्देश पर थाना प्रभारी अभिषेक पांडेय मौके में अपने पुलिस बल के साथ पहुंच एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को जानकीकुंड चिकित्सालय उपचार के लिए भेजा।
प्रशासनिक अक्षमता चित्रकूट के स्थानीय लोगों ने इस बार की अव्यवस्था का जिम्मेदार प्रशासनिक अक्षमता को बताया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन स्वयं के आधिपत्य में कार्य न कर कुछ मठाधीशों से चर्चा कर अपनी रणनीति बनाता है। कतिपय संत के इशारों पर उनके हितानुकूल व्यवस्था बनाई जाती है जिससे यह अव्यवस्था फैलती है। इस दौरान लोग पूर्व एसडीएम पीएस त्रिपाठी की कार्यप्रणाली को याद करते नजर आए।