गांव में घरों में नहीं चूल्हे
पूरी रात परिजनों के साथ ही ग्रामीण इधर से उधर दौड़ते रहे। परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी सदमे में रहे। गांव में घरों में चूल्हे नहीं जले। जिधर भी देखो सिर्फ रोने और चीखने की आवाज थी। दस घंटे में मात्र दस किलोमीटर की दूरी पर तीन भाइयों के आत्मघाती कदम से परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी सदमे में हैं।
पूरी रात परिजनों के साथ ही ग्रामीण इधर से उधर दौड़ते रहे। परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी सदमे में रहे। गांव में घरों में चूल्हे नहीं जले। जिधर भी देखो सिर्फ रोने और चीखने की आवाज थी। दस घंटे में मात्र दस किलोमीटर की दूरी पर तीन भाइयों के आत्मघाती कदम से परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी सदमे में हैं।
उजड़ गया परिवार
धनारी के गांव औरंगाबाद में पारिवारिक कलह के चलते विजय सिंह का परिवार उजड़ गया है। उसके तीन बेटे थे। तीनों बेटे विवाहित थे। गुरुवार की घटना के बाद एक बेटा बचा है, उसकी हालत गंभीर है। एक छोटी बेटी और दो विधवा पुत्रवधू रह गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
धनारी के गांव औरंगाबाद में पारिवारिक कलह के चलते विजय सिंह का परिवार उजड़ गया है। उसके तीन बेटे थे। तीनों बेटे विवाहित थे। गुरुवार की घटना के बाद एक बेटा बचा है, उसकी हालत गंभीर है। एक छोटी बेटी और दो विधवा पुत्रवधू रह गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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विजय सिंह ने बताया कि उनके बड़े बेटे मुनीश की शादी करीब पांच साल पहले हुई थी। पत्नी से विवाद चल रहा है। वह अलग रह रही है। करीब डेढ़ साल पहले मझले बेटे ब्रजेश की शादी हुई थी। उसके छह माह के अंतराल पर ही छोटे बेटे पान सिंह की शादी हो गई थी। पर अभी तक उनमें से किसी के भी संतान नहीं थी। घर में दो-दो विधवा बहू हैं और एक छोटी बेटी है। मुनीश लगाता था ठेला, दोनों छोटे भाई करते थे मजदूरी
विजय सिंह का बड़ा बेटा चंडीगढ़ में रहता था और वहां मूंगफली का ठेला लगाता था। छोटे बेटे ब्रजेश व पान सिंह गांव में रहते थे। दोनों अपनी खेती करते थे और समय बचने पर मजदूरी भी कर लेते थे।
विजय सिंह का बड़ा बेटा चंडीगढ़ में रहता था और वहां मूंगफली का ठेला लगाता था। छोटे बेटे ब्रजेश व पान सिंह गांव में रहते थे। दोनों अपनी खेती करते थे और समय बचने पर मजदूरी भी कर लेते थे।
पान सिंह दिल्ली में काम पर जाने की कर रहा था जिद
परिजनों ने बताया कि पान सिंह ने करीब एक सप्ताह पहले पिता से दिल्ली जाकर काम करने की जिद की थी। पिता ने ठंड अधिक होने की बात कहकर उसे दिल्ली जाने से मना कर दिया था। उस बात को लेकर पान सिंह तनाव में था। वह कहता था कि दिल्ली जाकर पैसा कमाना चाहता है।
परिजनों ने बताया कि पान सिंह ने करीब एक सप्ताह पहले पिता से दिल्ली जाकर काम करने की जिद की थी। पिता ने ठंड अधिक होने की बात कहकर उसे दिल्ली जाने से मना कर दिया था। उस बात को लेकर पान सिंह तनाव में था। वह कहता था कि दिल्ली जाकर पैसा कमाना चाहता है।
मुनीश ने मरने से पहले हाथ पर लिखा नोट
विजय सिंह के बड़े बेटे मुनीश का शव धनारी रेलवे स्टेशन के पास छोइया नदी के पुल के नीचे लटका मिला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव नीचे उतारा उसके हाथ पर पेंसिल से एक नोट लिखा हुआ था। उसमें लिखा था कि हम दोनों भाइयों की आत्मा… हमारे घर की लाज रखना। बाकी सब लोगों को राम राम।
विजय सिंह के बड़े बेटे मुनीश का शव धनारी रेलवे स्टेशन के पास छोइया नदी के पुल के नीचे लटका मिला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव नीचे उतारा उसके हाथ पर पेंसिल से एक नोट लिखा हुआ था। उसमें लिखा था कि हम दोनों भाइयों की आत्मा… हमारे घर की लाज रखना। बाकी सब लोगों को राम राम।