इनके डर से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। शहर की गलियों में कुत्तो व बंदरों का झुंड पूरे दिन छांव के लिए इधर उधर भटकता रहता हैं। प्यास बुझाने से लेकर भूख शांत करने के लिए बंदर व कुत्ते लोगों पर हमला बोल दे रहे हैं। गर्मी बढ़ने से यह हिंसक हो रहे हैं और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
सीएचसी में रोजाना 150 से 200 के बीच मरीज कुत्ता व बंदर काटे का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इन दिनों सीएचसी के एंटी रेबीज कक्ष के बाहर इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों की लाइन लगी रहती है। डॉक्टर डॉ. हरवेंद्र सिंह ने बताया कि तापमान बढ़ने से आवारा जानवर हिंसक हो जाते हैं।
जिससे यह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पिछले कुछ दिनों से बंदर, कुत्ते काटे के मामले बढ़े हैं। शहर व ग्रामीण क्षेत्र से करीब 150 से 200 के बीच मरीज एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आ रहे हैं। कुत्ते या बंदर काटने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए। देशी दवाओं के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।