उन्होंने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के एचौड़ा कम्बोह में खलिहान की भूमि चकबंदी पूर्व गाटा संख्या 155 और वर्तमान गाटा संख्या 283 पर लगभग 4 दशक से वहां के निवासी प्रमोद त्यागी जो वर्तमान में आचार्य प्रमोद कृष्णम के नाम से जाने जाते हैं उन्होंने पिछले 4 दशक से इस भूमि पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया। 1988 में राजस्व अभिलेखों में खलिहान के स्थान पर इन्दिरा गांधी मेमोरियल स्कूल का नाम दर्ज कराया और फेक एंट्री दर्ज कराई। जिसका कहीं कोई आवंटन व कोई आदेश नहीं था। जब तत्कालीन अधिकारियों ने इसका संज्ञान 3 अप्रैल 2008 को लिया तो इसे फेक एंट्री घोषित करते हुए इसे निरस्त कर दिया था और इसे राजस्व अभिलेख खलिहान घोषित किया गया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस की आरटीआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित उठवाल एड. प्रेसवार्ता करके आचार्य प्रमोद कृष्णम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अमित उठवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और रक्षामंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक और कमिश्नर, डीएम सहित शासन-प्रशासन के सारे अधिकारियों को ईमेल और रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से यह पत्र सबूतों के साथ भेजे हैं। इनके द्वारा तीन-चार बार रेस्टोरेशन फाइल किए गए। हाईकोर्ट में रिट भी फाइल की गई हाई। कोर्ट में रिटर्न्स की खारिज हुई और पुनः 2015 में इसे खलिहान दर्ज किया। 2016 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के संरक्षण में इन्होंने उत्तर प्रदेश शासन में खलिहान की श्रेणी परिवर्तन कराते हुए पार्थ दर्ज कराया। इसके अलावा इस गाटा संख्या 283, 284, 451, 450 आदि में जो सभी सरकारी संपत्ति है। इसमे हवन कुंड बनाए, परमानेंट यज्ञ शाला बनाई और पिलर खड़े करके छतरी डालने का प्रयास भी पहले किया गया। जिसे स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा विफल कर दिया गया, लेकिन लगातार इस घटना को यह अंजाम देते रहे और अवैध कब्जा करने का प्रयास करते रहे जो बार-बार विफल हुआ।
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धर्म का चोला ओढ़कर षडयंत्रउन्होंने कहा कि धर्म का चोला ओढ़कर एक दूसरी पार्टी के संरक्षण में आकर एक बार फिर षडयंत्र किया है। धर्म के नाम पर कब्ज़ा करके वो अपनी निजी संपत्ति में इस मंदिर का निर्माण कराते हैं तो हिंदुस्तान एक-एक व्यक्ति संभल का एक-एक व्यक्ति उनका स्वागत करेगा, लेकिन षडयंत्र के तहत अपनी सम्पति के साथ-साथ इस सम्पति पर भी कब्ज़ा करने का प्रयास करते हैं तो हम इस लड़ाई को आगे तक लड़ेंगे और बहुत जल्द हम हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे। जिससे इनके मंसूबों में यह कामयाब न हो पाएं और जो सरकारी सम्पति है उसकी सुरक्षा हो सके।
हमारी शासन से लेकर सरकार तक यह मांग है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम का जो उद्देश्य है वो कल्कि धाम बनाना नहीं है बल्कि करोड़ों की सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा करने का षडयंत्र है। यह धर्म व कल्कि धाम के निर्माण के नाम पर सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं। किसी भी कीमत पर इसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। यह लड़ाई हम आखिर तक लड़ने को तैयार हैं।