सहमति बनी है कि गुरुद्वारा रोड पर गुरु सिंह सभा का निर्माण होगा। इस निर्माण कार्य में मुस्लिम समाज के लोग खुद अपने सिर पर तसला रखकर कार सेवा करेंगे। इतना ही नहीं सिख समाज ने भी मुस्लिम समाज को सम्मान देते हुए कहा है कि वह गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मुसलमानों के नाम से भी डिस्पेंसरी जैसा कुछ बनवाएंगे। इस तरह सहारनपुर का गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा पूरी दुनिया के मुस्लिमों और सिखों के बीच साैहार्द की नई इबारत लिखेगा।
बता दें कि सहारनपुर के कुतुबशेर थाना क्षेत्र में गुरुद्वारा रोड पर गुरु सिंह सभा है। मुस्लिम समाज के लोगों ने दावा किया था कि यहां उनकी मस्जिद भी है। वर्ष 2014 में जब सिख समाज ने गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा की नींव रखनी शुरू की तो वहां मुस्लिमों ने विरोध कर दिया था। सहारनपुर सिख बनाम मुस्लिम बवाल में जल उठा था। उस समय तीन लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। 100 से अधिक दुकानें जला दी गई थीं और 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। सहारनपुर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
इस मामले में पुलिस की ओर से सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए गए थे और तभी से यह विवाद चलता आ रहा था। अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशन में सिख और मुस्लिम समाज के लोगों के बीच पूरी दुनिया में सौहार्द का संदेश भेजने वाली सुलह हुई है। तीन दिन पहले इस बात पर सहमति बनी थी कि विवादित जमीन पर गुरु सिंह सभा का निर्माण होगा और सिख समाज के लोग मस्जिद के लिए दूसरे स्थान पर जमीन खरीद कर देंगे। इस फैसले का स्वागत किया जा रहा था लेकिन इसी बीच मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया और कहा कि हम मस्जिद बनाने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा था कि वे सिख समाज से मस्जिद बनाने के लिए पैसा नहीं लेंगे।
इसकाे लेकर एक बार फिर दाेनाें समाज के लाेग बैठे और अब तीन दिन बाद एक बार फिर ऐतिहासिक फैसला हुआ है। नई सुलह के अनुसार, मुस्लिम सिख समाज से मस्जिद बनाने के लिए पैसा नहीं लेंगे बल्कि गुरु सिंह सभा में ही हो रहे निर्माण कार्य में मदद करेंगे।
इस निर्णय काे सार्वजनिक करने के लिए रविवार को अंबाला रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता बुलाई गई। इसमें मुस्लिम समाज के लोगों ने सिख समाज के लोगों को वह चार लाख रुपये का चेक वापस किया जो तीन दिन पहले सिखों ने मुस्लिम समाज के लाेगाें काे मस्जिद वाली जमीन खरीदने के लिए दिया था। मुस्लिम समाज के लोगों ने अब उस चेक को गुरु सिंह सभा के निर्माण कार्य के लिए गिफ्ट के रूप में वापस कर दिया है।
इतना ही नहीं मोहर्रम अली पप्पू एडवोकेट समेत मुस्लिम समाज के अन्य लोगों ने यह कहा है कि वह गुरु सिंह सभा निर्माण कार्य में कार सेवा करेंगे और अपने सिर पर तसला रखकर वहां निर्माण कार्य में हिस्सेदारी करेंगे। इस पर गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह बग्गा ने कहा है कि वह भी गुरु सिंह सभा में कुछ न कुछ बाबा फरीद के नाम से बनवाएंगे, क्याेंकि उनकी वाणी गुरुग्रंथ साहिब जी की वाणी में दर्ज है।
इस तरह सहारनपुर की जमीन से एक बार फिर ऐतिहासिक फैसला हुआ है और यह नजीर देश दुनिया में लोगों को सौहार्द का पाठ पढ़ाएगी। इस पूरे कार्य में अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बग्गा, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के सेक्रेट्री आईपी सिंह, माेर्हरम अली पप्पू व माेहम्मद अली का विशेष याेगदान रहा है।