पूर्व राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी इन कार्यक्रमों में रहेंगी। रविवार को उन्होंने शोभिय यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम को संबोधित किया और रात्रि निवास भी वहीं पर किया। सोमवार सुबह 10 बजे जनमंच में कार्यक्रम को सबोधित करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति बेरीबाग में पंडित विश्म्भर सिंह के नाम से बनाए गए द्वार का लोकार्पण करेंगे।
शिक्षक और समाज सुधारकर थे पंडित विशम्भर सिंह
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण के अनुसार उनके पिता पंडित विशम्भर सिंह बिहार के जलगोविंद में स्थित प्रसिद्ध वैष्णव मठ के महंत थे। बाद में वह महर्षि दयानंद के शिष्य बने और आर्य समाज के रास्ते पर चल पड़े।
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण के अनुसार उनके पिता पंडित विशम्भर सिंह बिहार के जलगोविंद में स्थित प्रसिद्ध वैष्णव मठ के महंत थे। बाद में वह महर्षि दयानंद के शिष्य बने और आर्य समाज के रास्ते पर चल पड़े।
इसके बाद वह देश की स्वाधीनता के मार्ग पर निकल पड़े। भारत भूषण बताते हैं कि उनके पिता काष्ठनगरी सहारनपुर के पहले ऐसे शिक्षक थे, जिन्हे राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधा कृष्णन के हाथों से मिला था। अब उन्ही के नाम पर बोरीबाग में द्वार बनाया गया है।