सोर्बिट्रेट और डिस्प्रीन दो ऐसी टेबलेट हैं जिन्हे लेने से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अटैक आने पर डॉक्टर से सलाह अनुसार सोर्बिट्रेट की गोली को जीभ के नीचे रख लें और आधी डिस्प्रीन को चबाकर खा लें। ये प्राथमिक उपचार मरीज को डॉक्टर तक जाने का समय दे देता है। अधिकांश मामलों में ऐसा करने से जान बच जाती है। ये गोलियां महज तीन से पांच मिनट में अपना असर दिखाना शुरु कर देती हैं। इन गोलियों को लेने के तुरंत बाद मरीज को नजदीकी हार्ट स्पेशलिस्ट के पास ले जाएं।
गोल्ड मेडलिस्ट वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर संजीव मिगलानी का कहना है कि सर्दी में हार्ट अटैक के मामले अचानक बढ़ जाते हैं। या कह सकते हैं कि सबसे अधिक अटैक सर्दियों में आते हैं। सुबह पांच से दस बजे तक का समय दिल के रोगियों के लिए बेहद संवेदनशील होता है। डॉक्टर मिगलानी के अनुसार अटैक आने पर 350 एमजी डिस्प्रिन और पांच एमजी की सोर्बिट्रेट की टेबलेट को जीभ के नीचे लें। डिस्प्रिन किसी भी मेडिकल स्टोर से आपको महज 50 पैसे में और सोर्बिट्रेट की एक रुपये आसानी से मिल जाएगी।
डॉक्टर के अनुसार ये प्राथमिक उपचार तुरंत मरीज को दे दिया जाए तो 35 प्रतिशत तक उसकी जान बचाना आसान हो जाता है। इन दोनों गोलियों को तोड़कर जीभ के नीचे रखने से ये और भी जल्दी काम करती हैं। अगर आप पहले से दिल के मरीज हैं तो इन दोनों टेबलेट को अपनी जेब में रखें। आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर इनके अलावा दूसरी टेबलेट भी अपने साथ रख सकते हैं। डॉक्टर संजीव मिगलानी के ही अनुसार हार्टअटैक के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक रिसर्च के अनुसार भारत में हर चौथे मरीज की मौत का कारण हार्ट अटैक है। हमने आपको ये प्राथमिक उपचार बताया है बावजूद इसके इस प्राथमिक उपचार के बारे में आपको अपने फैमिली डॉक्टर या किसी हार्ट स्पेशलिस्ट से भी सलाह लेनी चाहिए। इसके बाद ही आप इन गोलियों को लें।
अगर सीने में तेज दर्द हो। इसके साथ दोनों हाथों में भी दर्द हो जाए तो यह अटैक के लक्षण हैं। कभी-कभी दर्द के साथ सांस फूलना और उल्टियां होना भी अटैक के लक्षण हैं। इसमें मरीज को तड़पन होने लगती है। ये सभी हार्ट अटैक के लक्षणहैं। शुगर के रोगियों को पेनलैस यानि बिना दर्द वाला अटैक भी हो सकता है। इसमें पसीने आना, उल्टी जैसा होना, सीने में अकड़न होना, सांस फूलना आदि लक्षण हो सकते हैं।