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चीन और पाकिस्तान की सैर पर गए गिद्धों को याद आया अपना घर, बुंदेलखंड लौटे

विलुप्त हो रहे गिद्ध विदेशों में सैर-सपाटा कर रहे हैं। बुंदेलखंड के गिद्ध हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चीन, नेपाल, पाकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान जाकर लौट रहे हैं।

सागरFeb 06, 2024 / 08:11 am

Sanjana Kumar

विलुप्त हो रहे गिद्ध विदेशों में सैर-सपाटा कर रहे हैं। बुंदेलखंड के गिद्ध हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चीन, नेपाल, पाकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान जाकर लौट रहे हैं। रिसर्च के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व, नौरादेही व वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के गिद्धों पर लगाए गए जीपीएस ट्रैकर से यह जानकारी सामने आई है। हिमालियन ग्रिफॉन गिद्ध चीन के तिब्बती क्षेत्र, काराकोरम रेंज के पास चीन पहुंचे। रोज औसतन 100 किमी दूरी तय की।

बिहार और अमरकंटक में ट्रैक

स्थानीय और लाल सिर वाले गिद्धों में एक सोन नदी के किनारे-किनारे बिहार जाकर लौटा। अमरकंटक भी पहुंचा। दो अन्य गिद्ध श्योपुर में पालपुर-कूनो डब्ल्यूएलएस व ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप में ट्रैक हुए।

फेक्ट्स

– 9 प्रजातियां देश में गिद्धों की

– 7 प्रजातियां मध्यप्रदेश के पन्ना व वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में

– 722 गिद्ध पिछली गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व में थे
– 13 इंडियन वल्चर, 2 रेड हैंडेड, 8 हिमालियन ग्रिफॉन व 2 यूरेशियन ग्रीटिंग वल्चर पर लगाए जीपीएस

यूरेशियन ग्रिफॉन पाकिस्तान पहुंचे

यूरेशियाई ग्रिफॉन ने हिमालियन ग्रिफॉस की तुलना में घर वापसी की यात्रा देर से शुरू की। दो यूरेशियन ग्रिफॉन गिद्धों में एक की लोकेशन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाल सुहांरा राष्ट्रीय उद्यान तो दूसरे का लोकेशन मुल्तान के पास मिला। वे भी पाकिस्तान से लौट आए हैं। दरअसल बाघ के शिकार के बाद जो अवशेष बचता है, वो गिद्ध भोजन के रूप में उपयोग करता है। बाघों की संख्या बढ़ने बाघ द्वारा किए जाने वाले शिकार की संख्या बढ़ी और गिद्धों को आसानी से भोजन मिल रहा है। इसलिए गिद्ध टाइगर रिजर्व में स्थायी घोसला भी बना रहे हैं।

ऐसे अध्ययन

क्यों: पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन व भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिकों ने पक्षियों की गतिविधि को समझने शोध किया।

 

क्या: गिद्धों के प्रवासन, चारा ढूंढऩा, घोंसला बनाना व अन्य व्यवहार को जानने फरवरी 2022 में 25 गिद्धों पर जीपीएस ट्रैकर लगाए।

वल्चर स्टेट भी है एमपी

आपको बता दें कि एमपी केवल टाइगर स्टेट ही नहीं बल्कि चीता स्टेट, वुल्फ स्टेट के साथ ही वल्चर स्टेट भी है। गिद्धों के संरक्षण और हर साल बढ़ती संख्या के कारण एमपी को यह तमगा मिला है।

– पन्ना टाइगर रिजर्व में भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिकों ने ट्रैक किया। गिद्धों की लोकेशन कई देशों में मिली।

– ब्रजेंद्र झा, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व

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