सागर

ब्लॉक में 37 स्कूल भवन ऐसे, जो बच्चों को बैठाने के लायक नहीं, फिर भी नहीं हो रही मरम्मत

कई जगह बाहर बैठा रहे बच्चों को

सागरDec 26, 2023 / 09:15 pm

sachendra tiwari

Sagar, Sagar, Madhya Pradesh, India

बीना. बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 37 स्कूल की मरम्मत के लिए बार-बार प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी मरम्मत के लिए बजट नहीं आ रहा है। शायद अधिकारियों को किसी हादसे का इंतजार है और इसके बाद मरम्मत कराई जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के वर्षों पुराने भवन जर्जर हो चुके हैं, लेकिन इनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। हालत यह है कि कई जगहों पर, तो बच्चों को बाहर बैठना पड़ रहा है, क्योंकि छत और दीवार इतनी जर्जर हैं कि किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। जनपद शिक्षा केन्द्र से 37 स्कूलों का प्रस्ताव मरम्मत के लिए भेजा गया है, लेकिन इसके लिए बजट नहीं आया है। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा विधायक को समीक्षा बैठक में भी दी गई है। हांसुआ, रुसल्ला, रामनगर सहित अन्य स्कूल भवन इतने जर्जर हैं, यहां कक्षाएं बाहर लगाई जा रही हैं। छतों से सरिया नजर आ रहे हैं और दीवारों में इतनी बड़ी-बड़ी दरारें हैं कि कभी भी धराशाही हो सकते हैं। रुसल्ला में तो छत को संभालने के लिए बीच में एक पिलर भी खड़ा किया गया है। भवनों की दयनीय स्थिति होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी बजट स्वीकृत नहीं कर रहे हैं। यह तो वह संख्या हैं, जो ज्यादा जर्जर स्कूल हैं, इसके अलावा अन्य स्कूल भवनों को मरम्मत की दरकार है। जिन स्कूलों में कक्षाएं बाहर लग रही हैं, वह मरम्मत के लायक भी नहीं है, यहां नए निर्माण की जरूरत है। यदि मरम्मत की गई, तो कुछ दिन बाद फिर स्थिति जस की तस हो जाएगी।

स्कूल प्रभारी भी लिख रहे पत्र
स्कूल प्रभारियों द्वारा भी विभाग को मरम्मत के लिए पत्र लिखे जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि किसी दिन हादसा हुआ, तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कुछ महीने पूर्व भागनढ़ स्कूल में एक छात्रा के सिर में छत का टुकड़ा गिरने से उसे चोटें आईं थीं, इसके बाद उस कमरे में कक्षाएं लगाना बंद कर दी गई हैं।

Hindi News / Sagar / ब्लॉक में 37 स्कूल भवन ऐसे, जो बच्चों को बैठाने के लायक नहीं, फिर भी नहीं हो रही मरम्मत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.