समय पर सोनोग्राफी न मिलने पर मरीजों ने जताई आपत्ति-
डॉ. अरूणा कुमार जब वार्डों का निरीक्षण कर रहीं थीं तो वार्ड के मरीजों ने मेडम को घेर लिया और कहा कि उन्हें सोनोग्राफी के लिए 20-25 दिनों की तारीख दी जा रही है। जब सोनोग्राफी की जानकारी ली गई तो पता चला कि सोनोग्राफी में मात्र एक डॉक्टर हैं, जो कि इमरजेंसी केस के मरीज को प्राथमिकता से सोनोग्राफी करते हैं, जबकि अन्य मरीजों को टाइम दे दिया जाता है। चूंकि सोनोग्राफी के लिए जरूरी स्टाफ व संसाधन का अभाव है इसलिए सोनोग्राफी के लिए समय लग रहा है।
गायनी विभाग को विकसित करने के निर्देश-
कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष ने जब गायनी विभाग का निरीक्षण किया तो उन्होंने कहा कि विभाग में प्रसूताओं की संख्या व ऑपरेशन के हिसाब से यहां विभाग को और विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने 4-4 बेड का एसडीयू और आईसीयू वार्ड बनाने के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों ने एस्टीमेट बनाकर जल्द प्रस्ताव भेजने की बात कही।