इस मामले के मेडिकल की भाषा में फीट्स इन फीटू कहते हैं। यह मामला काफी रेयर होता है। नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। बच्चे के जीवन को बचाने के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। ऐसा केस लाखों महिलाओं में किसी एक का मिलता है।
जांच में हकीकत आई सामने
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जांच के बाद पाया गया कि महिला के गर्भ के अंदर एक और बच्चा है। इस दौरान महिला को मेडिकल कॉलेज में प्रसव कराने की सलाह दी गई. लेकिन आंगनवाड़ी के मामले को देखते हुए उसका प्रसव केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही हुआ।
दुर्लभ है ऐसा केस
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे केस काफी कम पाए जाते हैं। 5-6 लाख मामलों में ऐसे केस किसी एक में पाए जाते हैं। अभी तक दुनिया में केवल इस तरह के 200 केस पाए गए हैं।