रहली (पंकज शर्मा). आदिवासियों जनजाति के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना चलाई जा रही है। जिसमें आदिवासियों को पक्की छत दी जाना है। लेकिन इतनी महत्वपूर्ण योजना होने के बाद भी रहली विधानसभा को इस योजना से वंचित रखा गया है। जबकि यहां पर एक दर्जन से अधिक ग्राम आदिवासी बाहुल्य हैं। पीएम जनमन आवास योजना के तहत बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार आदिवासियों के लिए ढाई लाख रुपए आवास बनाने और करीब 39 हजार मनरेगा के तहत मजदूरी दी जाना है। एक ओर सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाकर मुख्य धारा में शामिल करने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर इस समाज के लोगों को योजना से वंचित रखा गया है। जिससे अब भी वह कच्चे व झोपड़ी नुमा मकानों में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अफसरों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यह ग्राम हैं आदिवासी बाहुल्य रहली जनपद पंचायत आवास शाखा से जब जानकारी ली गई तो बताया कि पीएम जनमन आवास योजना अंतर्गत विधानसभा में कोई भी आवास नहीं आया है। क्षेत्र को इस योजना से वंचित रखा गया है। ग्रामीण आवास शाखा प्रभारी अक्षय चौरसिया ने बताया की रहली जनपद अंतर्गत ग्राम कड़ता, सेमरा गौड़, सगोनी बुंदेला, हरदुआ, नरेटा, दतपुरा, टडा, उमरा, मुर्गा दरारिया, परासिया, जूना, छपरा, विजयपुरा आदिवासी टोला, बेरखेरी, बमनोदा, देवलपानी, वोमा वन ग्राम आदि ऐसे है जहां आदिवासियों की संख्या अधिक है लेकिन पात्र होने के बाद भी इन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हमारे द्वारा विभागीय पत्राचार भी किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा यह योजना विशेष आदिवासियों के उत्थान के लिए बनाई गई है। जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। सागर जिले में देवरी के केसली ब्लाॅक को योजना में शामिल किया गया है। जबकि अन्य ब्लाॅकों में भी आदिवासी बाहुल्य हैं। जिन्हें इस योजना से वंचित रखा गया है। इस विषय में मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों से चर्चा कर लाभ दिलाए जाने का प्रयास करेंगे।
-गोपाल भार्गव, विधायक, विधानसभा रहली