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सागर

विकास की अंधी दौड़ में औषधि का काम कर सकता है संगीत

सागर. शास्त्रीय संगीत मानव के लिए इश्वर प्रदत्त वरदान है। वर्तमान जीवन मे मनुष्य भौतिक विकास की अंधी दौड़ में है और आधुनिकता की चकाचौंध में अपने को भूल गया है। ऐसी स्थिति में संगीत दिव्य औषधि का काम कर सकता है। यह बात प्रो. जीएल पुणतांबेकर ने रागायन सभागार में आयोजित शास्त्रीय व उपशास्त्रीय […]

सागरSep 25, 2024 / 11:48 am

Murari Soni

सागर. शास्त्रीय संगीत मानव के लिए इश्वर प्रदत्त वरदान है। वर्तमान जीवन मे मनुष्य भौतिक विकास की अंधी दौड़ में है और आधुनिकता की चकाचौंध में अपने को भूल गया है। ऐसी स्थिति में संगीत दिव्य औषधि का काम कर सकता है। यह बात प्रो. जीएल पुणतांबेकर ने रागायन सभागार में आयोजित शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायन का कार्यक्रम में व्यक्त किए गए।कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋषभ भारद्वाज व डॉ. कार्तिकेय तिवारी ने किया। कलाकारों का परिचय डॉ. भुवनेश्वर तिवारी और बृजेश कुमार त्रिपाठी ने किया।

विवि में हिन्दी पखवाड़ा के तहत हुआ आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन

सागर. हिन्दी पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत डॉ. हरिसिंह गौर विवि में आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजन में वित्ताधिकारी सीएमए कुलदीपक शर्मा ने मन के हारे हार, मन के जीते जीत विषय पर, डॉ. पंकज तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन, डॉ. सुरेन्द्र पी गादेवार ने खेलो इंडिया, डॉ. संजीव सर्राफ ने राजभाषा और राष्ट्रभाषा, सतीश कुमार ने आभासी पटल का पठन-पाठन में योगदान, डॉ. रुपेन्द्र जुगल चौरसिया ने कौशल विकास मेला, सचिन सिंह गौतम ने लोकतंत्र और मतदान आदि विषय पर अपने विचार रखे।इस अवसर पर संयुक्त कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं वास्तव में अपने अंतर्मन की भावनाओं को व्यक्त करने का एक मंच उपलब्ध कराती हैं। प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा 25 सितंबर को प्रो. नीलिमा गुप्ता करेंगी। वहीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को विवि के सभी निम्न श्रेणी लिपिकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

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