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जेपी कंपनी ने ठेकेदारों के भरोसे छोड़े मजदूर और उनकी सुरक्षा, हो रहे हादसे

53 दिन में तीन मजदूरों की मौत, बिना सुरक्षा उपकरणों के कराया जा रहा काम

सागरSep 28, 2024 / 12:33 pm

sachendra tiwari

कोक सायलो, जहां हुआ था हादसा

बीना. निजी कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों की जान की अहमियत क्या है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगातार घटनाएं होने के बाद भी जेपी पावर प्लांट के अधिकारियों ने घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। पिछले 53 दिनों में जो भी घटनाएं हुई हैं, उनमें तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें से दो की मौत तो सुरक्षा उपकरणों का उपयोग नहीं करने व एक की मौत अज्ञात कारण से हुई है। सभी कर्मचारी ठेकेदारों के अंडर में काम करते थे। कंपनी ने मजदूरों व उनकी सुरक्षा को ठेकेदारों को जिम्मे छोड़ दिया है।
दरअसल जेपी थर्मल पावर प्लांट में अधिकांश कामों के लिए ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाता है, जो कर्मचारियों से काम तो पूरा लेते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखते हैं। यही कारण है कि यहां पर पिछले 53 दिन में तीन मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं। घटनाओं के बाद से यहां काम करने वाले मजदूर डरे हुए हैं। तीनों कर्मचारी ठेकेदार प्रणाली मेें काम करते थे, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर जेपी प्रबंधन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
235 रुपए दी जा रही है मजदूरी

मृतक मजदूर के परिजनों ने बताया कि उसे ठेकेदार से 235 रुपए मजदूरी मिलती थी, जो कलेक्टर रेट से बहुत कम है। जबकि उस जगह रिस्क वाला काम है और हमेशा खतरा बना रहता है। पूर्व जनपद अध्यक्ष इंदर सिंह ठाकुर ने कंपनी से कलेक्टर रेट पर मजदूरी देने की मांग की है।
सफाई कर रहे थे मजदूर

जानकारी के अनुसार कोक सायलो में आग लगने पर पहले उसमें पानी डाला गया था, इसके बाद उसकी सफाई करने के लिए दोनों कर्मचारी काम कर रहे थे, इसी प्रेशर से कोयला के साथ गर्म पानी आने से रामप्रसाद झुलस गया और कन्वेयर बेल्ट में फंस गया। वहां मौजूद बकील ने उसे बचाने का प्रयास किया और वह भी झुलस गया। इसके बाद उसने बेल्ट को रोकने पुल कार्ड को खींचा, लेकिन वह नहीं रुका, तब तक रामप्रसाद बॉयलर से आधी दूरी तक पहुंच गया था। इसके बाद बेल्ट को रोका गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
केस -1

तीन अगस्त को जेपी पावर प्लांट में सत्यम कंस्ट्रक्शन के अंतर्गत उदय अहिरवार सीमेंट की चादर बदलने का काम कर रहा था, जिसके पास न तो हेलमेट था न ही अन्य सुरक्षा उपकरण थे। इसी दौरान सीमेंट की चादर गिरने से उसे चोटें आई थी और उसे इलाज के लिए नागपुर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी। जिसके परिवार के एक व्यक्ति को स्थायी नौकरी देने के मांग गई है।
केस -2

गोलू पिता पलटू कुशवाहा (30) निवासी सिरचौंपी 4 सितंबर को ट्रैक्टर लेकर प्लांट के अंदर बॉयलर के पास गया था, जिसने ट्रैक्टर खड़ा किया और नीचे उतरा, तो उसे खून की उल्टियां होने लगीं। इसके बाद उसे अस्पताल लेकर गए, जहां पर उसकी अज्ञात कारण से मौत हो गई थी।
केस – 3

26 सितंबर को प्लांट के कोक सायलो में काम करते समय सरदार पिता रामप्रसाद चढ़ार (45) निवासी जौध, कोयला कन्वेयर बेल्ट में फंस गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। यहां पर कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए जाने के कारण उसकी मौत हो गई। वहीं, घटना में एक अन्य मजदूर बकील पिता सरीफ खान (35) निवासी सिरचौंपी भी घायल हो गया था।
जेपी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट अशोक शर्मा से सीधी बात

सवाल- मजदूरों की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है?
जवाब- कंपनी सुरक्षा के लिए सभी उपकरणों के लिए भुगतान करती है। कई बार मजदूर लापरवाही बरतते है, सुरक्षा में कहीं चूक नहीं है अब और सख्त की जाएगी।
सवाल- मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कम हो रहा है?
जवाब- शासन की गाइडलाइन के अनुसार ठेकेदार को मजदूरी का भुगतान किया जाता है।

सवाल- पुल कार्ड खीचने के बाद भी कन्वेयर बेल्ट क्यों नहीं रुका?
जवाब- इसमें तकनीकी समस्या हो सकती है, जिसकी टीम जांच कर रही है।
सवाल- बार-बार प्लांट में घटनाएं क्यों हो रही हैं?
जवाब- इसमें कई बार मजदूरों की लापरवाही भी सामने आती है।

की जा रही है जांच

इस संबंध में हरिसिंह तोमर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच और बयान में जो भी सामने आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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