भाग्योदय तीर्थ में शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज ने तुम अपनी हर चीज की कमाई का 50 प्रतिशत दान करो। धन, समय, शरीर, पुण्य सबका 50 प्रतिशत दान करो। गृहस्थ पूर्ण धर्म को अंगीकार नहीं कर सकता है। हर कोई मुनि नहीं बन सकता, प्रतिमाएं नहीं ले सकता क्योंकि उसके लिए शक्ति व साहस चाहिए। मुनि ने कहा कि गृहस्थ जितनी भी क्रिया करता है उनमें सबसे ज्यादा पुण्य का बंध अभिषेक के समय होता है। वास्तु कहता है किसी भी चीज का तुम उपयोग करते हो तो उसे पूज्य बना दो, मकान का उपयोग करते हो तो कुछ स्थान को, एक आले को पूज्य बना दो। जल का उपयोग करते हो तो उसे पूज्य बना दो। वो जल कहेगा कि इसने मुझे इतना पवित्र बना दिया कि भगवान के मस्तिष्क पर पहुंचा दिया। अब भवान्तरों में तुम जल को नहीं तरसोगे।