जिम्मेदारी तय करेगी जांच समिति
बीएमसी प्रबंधन ने जो जांच समिति बनाई है उसमें डॉ. देवेंद्र अहिरवार अध्यक्षता और डॉ. प्रेमचंद अहिरवार व डॉ. एसपी सिंह सदस्य हैं। समिति एमआइसीयू में बीड़ी-माचिस कैसे पहुंची, मरीज को बीड़ी सुलगाकर देने के साक्ष्य तो जुटाएगी इसके अलावा एमआइसीयू के स्टाफ की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। वार्ड में लगे सीसीटीवी से इसका वीडियो भी निकाला गया है।बीड़ी-माचिस से 20 मिनट में ही भर गया बॉक्स
गुरुवार की सुबह सुरक्षाकर्मियों ने ओपीडी के मुख्य गेट के पास अस्पताल आने-जाने वालों के जेब चैक किए तो 20 मिनट में ही गुटखा, बीड़ी-माचिस से बॉक्स भर गया। एक गेट पर जांच होने से कुछ लोग दूसरे गेट से अंदर जाते दिखे। घटनास्थल एमआइसीयू में सुरक्षागार्ड अब परिजनों को अंदर जाने से रोकता दिखा।मंगलवार रात हुआ था हादसा
ज्ञात हो कि मंगलवार की देर रात 1 बजे ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती मरीज को बीड़ी की तलब लगने पर उसकी पत्नी ने बीड़ी सुलगाकर दे दी थी, जिससे आग लग गई थी और मरीज गंभीर रूप से झुलस गया है। आग से अन्य भर्ती मरीजों की जान खतरे में आ गई थी।नहीं बढ़े सुरक्षाकर्मी
ओपीडी, कैजुअल्टी और गायनी ओटी के बाहर और सर्जरी, हड्डी, सर्जिकल आइसीयू, नेत्र विभाग, बच्चा, बर्न वार्ड में सुरक्षाकर्मियों का अभाव है। मरीज, डॉक्टर्स और भवन की सुरक्षा 48 गार्डों के भरोसे है। सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक 19, दोपहर 2 से रात 10 बजे और रात 10 से सुबह 6 बजे तक 13-13 सुरक्षाकर्मी रहते हैं। प्रबंधन ने सुरक्षाकर्मियों की संख्या दोगुनी करने की घोषणा की थी जो आज तक पूरी नहीं हुई।डॉ. विशाल भदकेरिया, मीडिया प्रभारी बीएमसी।