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सराफा बाजार में महादेव को खुश के लिए नाग-नागिन के चांदी के जोड़े और बिल्व पत्र की मांग

सावन माह में सराफा बाजार में देवों के देव महादेव को खुश करने के लिए नाग-नागिन का चांदी का जोड़ा, चांदी का बेलपत्र, चांदी का धतूरा और चांदी की मिठाई के साथ ही चांदी का त्रिशूल की डिमांड बढ़ गई है।

सागरAug 08, 2024 / 12:28 pm

रेशु जैन

chandi naag nagin

सावन माह में शिव मंदिरों में अर्पित करने के साथ पंडितों को कर रहे दान
सागर. सावन माह में सराफा बाजार में देवों के देव महादेव को खुश करने के लिए नाग-नागिन का चांदी का जोड़ा, चांदी का बेलपत्र, चांदी का धतूरा और चांदी की मिठाई के साथ ही चांदी का त्रिशूल की डिमांड बढ़ गई है। खास बात यह है कि चांदी के तीन पत्तियों वाले बिल्व पत्र पर ऊं नम: शिवाय लिखा हुआ है। बहुत से लोग तो शिव मंदिरों में अर्पित करने और रुद्राभिषेक में पूजा के बाद पंडितों को दान करने चांदी से निर्मित पूरे शिव परिवार को ही खरीद रहे हैं।
सराफा व्यापारी संजीव दिवाकर ने बताया कि भक्त भोलेनाथ को खुश करने के लिए उनकी पूजा आराधना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चांदी के नाग नागिन की कीमत 1000 रुपए से शुरू है। शिव परिवार का उसकी कीमत 5 हजार रुपए से शुरू है। हल्के वजन के भी नाग-नागिन है। नागपंचमी में इसकी खास मांग रहेगी। सराफा बाजार में करीब 20 लाख रुपए का कारोबार होगा।
चांदी की बिल्व पत्र को चढ़ाने का वर्णन

पं. केशव महाराज ने बताया कि अनेक शिवपुराण कथा वाचकों द्वारा प्रवचन में बिल्व पत्र की महिमा और उसे शिवलिंग पर चढ़ाने से मिलने वाले फल का वर्णन किया जाता है। साथ ही कई वास्तुविदों द्वारा इसे घर में रखने से मिलने वाले लाभ के बारे में बताना आदि है। कई नागवंशी समाज के लोग नागपंचमी पर नाग-नागिन का घर में पूजा रखने के लिए नया जोड़ा खरीदते हैं। चौरसिया समाज के कुल देवता ही नाग हैं। इसके अलावा घर की नींव में भी इसे रखते हैं। शिवलिंग पर भी अर्पित किया जाता है।

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