शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकतीं हैं टीबी की गठानें-
बच्चों में टीबी की गठानें गर्दन, पेट, हाथ, पैर और आंतों में बन सकती हैं। जबकि महिलाओं में सीना, बच्चादानी सहित शरीर के किसी भी हिस्से में उभर आती हैं। पुरुषों में भी टीबी की गठानें शरीर के किसी भी हिस्से में सामने आतीं हैं। बच्चों और एड्स से पीडि़त मरीजों में कमजोर इम्यूनिटी के कारण टीबी का बैक्टीरिया संक्रमण फैला देता है। टीबी का बैक्टीरिया किसी अन्य मरीज के छीकने, खांसनें से शरीर में आ सकता है।
6 माह के कोर्स में ठीक हो जाती है टीबी-
टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. तल्हा साद ने बताया कि गठानों की टीबी फेफड़ों की तुलना में संक्रमक नहीं होती है। शरीर के हिस्सों में होने वाली यह गठानें शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा तंत्र का वह भाग होता है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र रक्त में मौजूद टीबी के बैक्टीरिया को पकडकऱ एकत्रित करता है। इसकी जांच या अल्ट्रासाउंड से पता चलता है कि शरीर में टीबी के बैक्टीरिया हैं। जांच में पुष्टि होने के बाद मरीज को 6 माह का कोर्स कराया जाता है और टीबी की दवाएं फ्री उपलब्ध कराई जाती हैं।गठानों के 15 सैंपल में रोज निकलने वाली औसत बीमारियां-
4 चर्बी की गठान
4 कैंसर
3 टीबी
2 नॉन कैंसर ट्यूमर
2 इंफेक्शन
एक्सपर्ट व्यू: डॉ. अमर गंगवानी, विभागाध्यक्ष पैथालॉजी बीएमसी -बीएमसी की लैब में रोज औसत 15 केस गठानों की जांच के पहुंचते हैं, जिसमें कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मरीज टीबी के ही निकलते हैं। इसमें हर उम्र के महिला-पुरुष व बच्चे शामिल होते हैं। औसत प्रतिदिन 3 मरीजों की गठान में टीबी के बैक्टीरिया निकलते हैं।कमजोर इम्यूनिटी के कारण टीबी के बैक्टीरिया हावी हो जाते हैं और शरीर में गठान बना देते हैं। इसका इलाज नि:शुल्क होता है। गठान लगातार बढ़ रही है तो उसकी जांच जरूर कराएं।