सागर. सावन माह में इस बार त्योहारो की बहार रहेगी। इस माह रक्षाबंधन, नाग पंचमी, हरियाली तीज, प्रदोष व्रत, विनायक चतुर्थी और कामदा एकादशी समेत कई पर्व आएंगे। 7 अगस्त को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा। इस दिन रवि योग और शिव योग का संयोग बन रहा है। तीज से ही शहर के अधिकांश मंदिरों में झूले डल जाएंगे। बड़ा बाजार स्थित देव अटल बिहारी सरकार मंदिर, रामबाग मंदिर, बांके बिहारी मंदिर एवं वृंदावन बाग सहित सभी प्रमुख मंदिरों में भगवान के झूले डलते हैं। सावन के शेष 12 दिन भगवान झूले पर ही विराजमान रहते हैं। 19 अगस्त पूर्णिमा की रात में झूले से उतरकर भगवान सिंहासन में विराजमान होंगे। तब तक झूले पर ही भगवान की मंगलाआरती, संध्या और शयन आरती होगी। यहीं पर उन्हें राज भोग अर्पित किया जाएगा। झूले पर ही भगवान विश्राम करेंगे।
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं करेंगी व्रत हरियाली तीज को श्रावणी तीज एवं कजली तीज तीज के नाम से भी जाना जाता है। पं. केशव महाराज ने बताया कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तीज पर्व के एक दिन पहले ही विवाहित महिलाएं और कन्याएं अपने हाथों में मेहंदी लगाकर इसको मनाती हैं। सुहागन महिलाएं अपना सौभाग्य बनाए रखने के लिए भगवान शिव-पार्वती का व्रत रखती हैं। यह व्रत करवा चौथ की तरह यह व्रत भी निर्जला होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ही श्रावण महीने की तृतीया तिथि को देवी के रूप में (तीज माता के नाम से) अवतरित हुई थीं।
हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं। हरियाली तीज सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं। महिलाएं इस दिन का पूरे वर्ष इंतजार करती हैं। हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है। इसलिए इस दिन महिलाओं के हरी साड़ी के साथ हरी चूड़ियां भी पहनने का प्रचलन है। हरियाली तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।