किसानों ने दी चेतावनी, साठ दिनों में नहीं जोड़े गए गांवों के नाम तो होगा उग्र आंदोलन
बीना नदी सिंचाई परियोजना में छोड़ दिए हैं पचास गांव, सीएम ने भी दिया था आश्वासन, फिर भी शुरू नहीं हुई प्रक्रिया, किसानों में है आक्रोश
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![Farmers warned, if names of villages are not added within sixty days](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fcms.patrika.com%2Fwp-content%2Fuploads%2F2024%2F06%2F21-bina-photo-05.jpg%3Ffit%3Dcover%2Cgravity%3Dauto%2Cquality%3D75&w=828&q=75)
तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए किसान
बीना. भारतीय किसान संघ, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ मप्र के नेतृत्व में किसानों ने बीना नदी सिंचाई परियोजना से छूटे गांवों को जोड़ने की मांग को लेकर शुक्रवार की दोपहर तहसील परिसर में प्रदर्शन किया गया। इसके बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सुनील शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि बीना वृहत सिंचाई परियोजना का प्रस्ताव 1974 में पारित हुआ था और इसके सर्वे में दस वर्ष पूर्व बीना तहसील के सभी ग्रामों के खेतों में नहरों का सर्वेक्षण किया था, लेकिन अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है, जिससे किसान चिंतित हैं। क्योंकि जल स्तर भी साल दर साल नीचे जा रहा है। इस परियोजना में तहसील के सभी ग्रामों को फिर से जोडऩे की मांग चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री से की गई थी और उन्होंने आश्वासन भी दिया था, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। ग्रामों को जोडऩे के लिए लिखित एवं व्यावहारिक निराकरण करने की मांग की है। यदि 60 दिनों में मांग पूरी नहीं हुई, तो संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। कार्यक्रम को राष्ट्रीय संगठन मंत्री रविदत्त, जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह, संभागीय अध्यक्ष सीताराम ठाकुर, जिलाध्यक्ष प्रतिपाल सिंह आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर किसान नेता इंदर सिंह, विश्वनाथ सिंह, सत्यजीत सिंह, लोकेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, इंदर ठाकुर, अमरप्रताप सिंह, रामगोपाल, अरविंद पटेल, महेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
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