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सुनार नदी किनारे जगह-जगह फैले डिस्पोजल व शराब की बोतलें

राजघाट बना अघोषित अहाता केसली. ग्राम पंचायत खैरी से निकलकर ब्लाक की 16 ग्राम पंचायत को सींचती हुई सुनार नदी 250 किमी का सफर तय करके पन्ना में कैनकी सहायक बनती है। सुनार नदी केसली ब्लाक की जीवन रेखा है। नमामि गंगे अभियान ने एक बार फिर लोगो का ध्यान सुनार नदी की ओर आकर्षित […]

सागरJun 08, 2024 / 01:58 am

हामिद खान

केसली. सुनार नदी के तट पर युवक के हाथ में शराब की बोतल।

राजघाट बना अघोषित अहाता
केसली. ग्राम पंचायत खैरी से निकलकर ब्लाक की 16 ग्राम पंचायत को सींचती हुई सुनार नदी 250 किमी का सफर तय करके पन्ना में कैनकी सहायक बनती है। सुनार नदी केसली ब्लाक की जीवन रेखा है। नमामि गंगे अभियान ने एक बार फिर लोगो का ध्यान सुनार नदी की ओर आकर्षित किया है। सुनार नदी पर केसली में राजघाट नाम से तट है।
जानकारों ने बताया कि यह तट अतीत में अपनी खूबसूरती के चलते राजाओं के स्नान करने का प्रमुख स्थल था। यहां राजा द्वारा घाट का निर्माण कराया गया था। तब इसे राजघाट की उपमा मिली। अब यह अपनी पहचान खोकर एक अघोषित अहाता बनता जा रहा है। शराब के शौकीन राजघाट पर जाम टकराते है और खाली बोतल व डिस्पोजल कचरा फेंक जाते हैं।
नतीजन पूरे राजघाट परिसर में गंदगी की भरमार है। बुधवार को नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत जननायकों ने सुनार नदी के इसी राजघाट को साफ किया और फोटो खिंचवाई। गुरुवार को फिर हालात यथावत हो गये और डिस्पोजल व खाली बोतलें भारी संख्या में जमा हो गईं।
राजघाट पर है शिवालय
सुनार नदी का राजघाट लोगों की पानी संबंधी आम जरूरत को पूरा करता है। घाट पर स्थित शिवालय लोगों की आस्था का केंद्र है। यहीं से कस्बा में पेयजल आपूर्ति का एक बडा स्रोत है। फिर भी शराबियों की महफिल पर पाबंदी न होना लापरवाही को उजागर करता है।

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