इससे मोहल्लों की सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। लगातार मोहल्लों से आ रही शिकायतों के चलते वार्ड नौ के पार्षद सतीश सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई। सुबह उन्होंने निगम आयुक्त से भी इस संबंध में शिकायत की। जिसके कुछ देर के बाद स्टेडियम में लगे कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया। कुछ दिन पहले ही कलेक्टर इलैयाराजा टी स्टेडियम में भ्रमण करने पहुंचे थे।
परिसर के बाहर और भीतर कचरा देखकर उन्होंने स्वयं सफाई की शुरुआत की थी। कलेक्टर को कचरा बिनते देख निगम के अधिकारी, कर्मचारी भी जुट गए थे। वहां पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कलेक्टर तो चले गए लेकिन नगर निगम के कर्मचारी लगातार सफाई व्यवस्था में जुट रहे। जानकारी मिली है कि इसके पहले से स्टेडियम में सफाई के लिए निगम के अधिकारियों ने कर्मचारियों को भेज रखा था।
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एनजीओ के हिसाब से काम करने का आरोप
नगर निगम के अधिकारियों पर कई वार्डों के पार्षदों एवं स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने स्वच्छता से जुड़े कार्यों में जागरुकता का कार्य एनजीओ को दे रखा है। जिसमें इनके कार्यकर्ता नुक्कड़ नाटक एवं अन्य जागरुकता के कार्यक्रम वहीं पर करते हैं जहां पर अच्छी तरह से सफाई होती है। इसके लिए वार्डों में कार्यरत सफाईकर्मियों को एनजीओ के कार्यकर्ताओं के साथ लगाया जा रहा है। वार्ड नौ के पार्षद सतीश सिंह ने कहा है कि जब एनजीओ भुगतान ले रहे हैं तो उनके साथ निगम की टीम लगाना उचित नहीं है।
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– ठेके के शौंचालयों में व्यवस्था देने पर भी उठे सवाल
शहर के सामुदायिक शौंचालयों को नगर निगम ने सुलभ इंटरनेशनल एवं अन्य संस्थाओं को ठेके पर दे रखा है। हाल के दिनों में ओडीएफ प्लस प्लस सर्वे से पहले इन शौचालयों में व्यवस्थाओं से जुड़ी जो कमियां थी उन्हें नगर निगम ने उपलब्ध कराई थी। जबकि रखरखाव का कार्य संबंधित संस्था का होता है। इस पर भी सवाल उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ओडीएफ प्लस प्लस के सर्वे के लिए आई टीम के साथ निगम के कर्मचारियों को भी लगाया गया था। जो टीम के साथ चल रहे थे और शौचालय में फोटो खींचने से पहले अपने साथ लेकर गए गमले, टॉबल, साबुन आदि रखने के बाद फोटो खिंचवा रहे थे। इसकी शिकायत दिल्ली भेज दी गई है, जिससे दोबारा सर्वे होने की संभावना भी उत्पन्न हो रही है।
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एनजीओ के हिसाब से काम करने का आरोप
नगर निगम के अधिकारियों पर कई वार्डों के पार्षदों एवं स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने स्वच्छता से जुड़े कार्यों में जागरुकता का कार्य एनजीओ को दे रखा है। जिसमें इनके कार्यकर्ता नुक्कड़ नाटक एवं अन्य जागरुकता के कार्यक्रम वहीं पर करते हैं जहां पर अच्छी तरह से सफाई होती है। इसके लिए वार्डों में कार्यरत सफाईकर्मियों को एनजीओ के कार्यकर्ताओं के साथ लगाया जा रहा है। वार्ड नौ के पार्षद सतीश सिंह ने कहा है कि जब एनजीओ भुगतान ले रहे हैं तो उनके साथ निगम की टीम लगाना उचित नहीं है।
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– ठेके के शौंचालयों में व्यवस्था देने पर भी उठे सवाल
शहर के सामुदायिक शौंचालयों को नगर निगम ने सुलभ इंटरनेशनल एवं अन्य संस्थाओं को ठेके पर दे रखा है। हाल के दिनों में ओडीएफ प्लस प्लस सर्वे से पहले इन शौचालयों में व्यवस्थाओं से जुड़ी जो कमियां थी उन्हें नगर निगम ने उपलब्ध कराई थी। जबकि रखरखाव का कार्य संबंधित संस्था का होता है। इस पर भी सवाल उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ओडीएफ प्लस प्लस के सर्वे के लिए आई टीम के साथ निगम के कर्मचारियों को भी लगाया गया था। जो टीम के साथ चल रहे थे और शौचालय में फोटो खींचने से पहले अपने साथ लेकर गए गमले, टॉबल, साबुन आदि रखने के बाद फोटो खिंचवा रहे थे। इसकी शिकायत दिल्ली भेज दी गई है, जिससे दोबारा सर्वे होने की संभावना भी उत्पन्न हो रही है।