स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य इस वर्ष शुरू से ही लेटलतीफी का शिकार रहा है। जनवरी महीने में होने वाला सर्वे पहले तैयारियां कमजोर होने की वजह से एक महीने आगे बढ़ाकर फरवरी में किया गया। इसके बावजूद प्रदेश के दूसरे हिस्सों में तैयारियां सही नहीं हो पाने की वजह से मार्च में सर्वे कराने की बात सामने आई। मार्च के पहले सप्ताह से ही सर्वे टीम का इंतजार किया जा रहा है। इस दौरान सरकार ने लाडली बहना योजना (Ladli behna Yojna) लांच की है। जिसमें नगरीय निकायों को महिलाओं की समग्र आईडी सुधारने और बैंक खाते खुलवाने के साथ ही इ-केवायसी (E-kyc) सहित अन्य कई कार्य कराने पर जोर दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी को पूरे प्रदेश में एक साथ सर्वे करना है। प्रदेश सरकार और एजेंसी के बीच हुई चर्चा के बाद तय किया गया है कि अप्रेल महीने में सर्वे का कार्य होगा।
–
– रंगरोगन का कार्य भी शहर में अभी पूरा नहीं
रीवा शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां इनदिनों तेज हो गई हैं। अन्य तैयारियां तो पूरी हो चुकी हैं लेकिन शहर का रंगरोगन चल रहा है। नगर निगम ने रतलाम की एक कंपनी को ठेका दे रखा है जो इनदिनों शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचकर अपनी सेवाएं दे रही है। प्रमुख हिस्सों में बाउंड्रीवाल, लोगों के मकानों और सरकारी भवनों की दीवालों में चित्र और स्वच्छता से जुड़े संदेश दिए जा रहे हैं। करीब 65 लाख रुपए इस कार्य में नगर निगम के खर्च होंगे। अब सर्वे का समय बढऩे से इस बात की राहत मिल गई है कि शहर में रंगरोगन से जुड़े अंकों के लिए दावा मजबूत हो जाएगा।
– 17 अप्रेल के बाद सर्वेक्षण की संभावना
रीवा संभाग में 17 अप्रेल के बाद सर्वेक्षण प्रारंभ होने का अनुमान है। इसके लिए भोपाल से अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। डाक्यूमेंटेशन के कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। मैदानी स्तर पर जो कार्य अधूरे रह गए हैं उन्हें पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
—
ओडीएफ सर्वे नहीं फिर भी निगरानी बढ़ाई
रीवा नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट जो मिला है वह आगामी अगस्त महीने तक के लिए वैध है। इसलिए इस बार के सर्वे में अलग से सर्वे के लिए आवेदन नहीं किया गया है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस का सर्वे करने के लिए आने वाली टीम को यदि शहर में किसी जगह पर खुले ेंमें शौंच करते हुए लोग मिलेंगे तो ओडीएफ के लिए मिलने वाला अंक नगर निगम का कट जाएगा।
—
सर्वे से पहले इन कार्यों पर निगम का फोकस
– शहर के प्रमुख मार्गों के साथ ही गली-मोहल्लों की नियमित सफाई।
– उपलब्ध सभी संसाधनों का सही ढंग से उपयोग।
– गीला और सूखे कचरे को कचरा गाड़ी में अलग-अलग देने के लिए लोगों को प्रेरित करना।
– हर घर से कचरा सीधा कचरा गाड़ी में दिया जाए। खुले में कचरा फेंकना बंद हो।
– प्लास्टिक वेस्ट का पूरी तरह से निष्पादन।
– सार्वजनिक शौचालयों में सफाई का बेहतर प्रबंध और फीडबैक की व्यवस्था।
– घर से निकलने वाले गीले कचरे की यथासंभव घर पर ही कंपोस्टिंग मटका खाद के रूप में करने के लिए प्रेरित करने का कार्य।
– यलो स्पॉट जहां लोग खुले में टॉयलेट जाते हैं तथा रेड स्पॉट जहां लोग पान-तंबाकू आदि थूकते हैं उनको चिह्नित कर समाप्त करने का कार्य।
– थ्री आर यानी रिड्यूज, री-साइकिल और रीयूज की गतिविधियां बढ़ाने पर जोर।
–
– रंगरोगन का कार्य भी शहर में अभी पूरा नहीं
रीवा शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां इनदिनों तेज हो गई हैं। अन्य तैयारियां तो पूरी हो चुकी हैं लेकिन शहर का रंगरोगन चल रहा है। नगर निगम ने रतलाम की एक कंपनी को ठेका दे रखा है जो इनदिनों शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचकर अपनी सेवाएं दे रही है। प्रमुख हिस्सों में बाउंड्रीवाल, लोगों के मकानों और सरकारी भवनों की दीवालों में चित्र और स्वच्छता से जुड़े संदेश दिए जा रहे हैं। करीब 65 लाख रुपए इस कार्य में नगर निगम के खर्च होंगे। अब सर्वे का समय बढऩे से इस बात की राहत मिल गई है कि शहर में रंगरोगन से जुड़े अंकों के लिए दावा मजबूत हो जाएगा।
– 17 अप्रेल के बाद सर्वेक्षण की संभावना
रीवा संभाग में 17 अप्रेल के बाद सर्वेक्षण प्रारंभ होने का अनुमान है। इसके लिए भोपाल से अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। डाक्यूमेंटेशन के कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। मैदानी स्तर पर जो कार्य अधूरे रह गए हैं उन्हें पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
—
ओडीएफ सर्वे नहीं फिर भी निगरानी बढ़ाई
रीवा नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट जो मिला है वह आगामी अगस्त महीने तक के लिए वैध है। इसलिए इस बार के सर्वे में अलग से सर्वे के लिए आवेदन नहीं किया गया है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस का सर्वे करने के लिए आने वाली टीम को यदि शहर में किसी जगह पर खुले ेंमें शौंच करते हुए लोग मिलेंगे तो ओडीएफ के लिए मिलने वाला अंक नगर निगम का कट जाएगा।
—
सर्वे से पहले इन कार्यों पर निगम का फोकस
– शहर के प्रमुख मार्गों के साथ ही गली-मोहल्लों की नियमित सफाई।
– उपलब्ध सभी संसाधनों का सही ढंग से उपयोग।
– गीला और सूखे कचरे को कचरा गाड़ी में अलग-अलग देने के लिए लोगों को प्रेरित करना।
– हर घर से कचरा सीधा कचरा गाड़ी में दिया जाए। खुले में कचरा फेंकना बंद हो।
– प्लास्टिक वेस्ट का पूरी तरह से निष्पादन।
– सार्वजनिक शौचालयों में सफाई का बेहतर प्रबंध और फीडबैक की व्यवस्था।
– घर से निकलने वाले गीले कचरे की यथासंभव घर पर ही कंपोस्टिंग मटका खाद के रूप में करने के लिए प्रेरित करने का कार्य।
– यलो स्पॉट जहां लोग खुले में टॉयलेट जाते हैं तथा रेड स्पॉट जहां लोग पान-तंबाकू आदि थूकते हैं उनको चिह्नित कर समाप्त करने का कार्य।
– थ्री आर यानी रिड्यूज, री-साइकिल और रीयूज की गतिविधियां बढ़ाने पर जोर।
—
स्वच्छता सर्वेक्षण पर हमारी तैयारियां मार्च के हिसाब से ही पूरी हैं। चर्चा है कि अप्रेल में टीम आएगी, कोई तारीख बताकर सर्वे नहीं होता। जब भी टीम आएगी, उसके लिए हमारी तैयारी पूरी है।
संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम Rewa
स्वच्छता सर्वेक्षण पर हमारी तैयारियां मार्च के हिसाब से ही पूरी हैं। चर्चा है कि अप्रेल में टीम आएगी, कोई तारीख बताकर सर्वे नहीं होता। जब भी टीम आएगी, उसके लिए हमारी तैयारी पूरी है।
संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम Rewa