यह खुलासा डभौरा सहकारी बैंक घोटाले की सीआइडी जांच में हुआ है। अब आगे की पड़ताल ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है। इससे पहले जांच में सीआइडी को बैंक घोटाले से जुड़ा आईसीआईसीआई बैंक में ओम इंटर प्राइजेज नाम का खाता मिला, इसमें प्रमोद क़ुमार तिवारी का पैनकार्ड लगा है।
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सीआईडी टीम गांव पहुंची तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। फोटो के जरिए खुलासा हुआ कि प्रमोद अमरपाटन के ककलपुर का है। अफसरों ने पूछताछ की तो उसने बताया कि खाते की उसे जानकारी नहीं है। परिवार चलाने के लिए वह सतना में अगरबत्ती कंपनी में आठ हजार रुपए में नौकरी करता है।
40 लाख का लेन-देन
प्रमोद की फर्जी आइडी से खोले गए खाते में बैंक घोटाले के सह-अभियुक्त आशीष गुप्ता, जय सिंह और अमर सिंह ने 40 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे, लेकिन ट्रांजेक्शन फेल हो गया। आगे की जांच में 60 करोड़ रुपए के लेन-देन की बात सामने आई।
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फेक आइडी के 11 खाते, कंपनी और फैक्ट्यों में लेन-देन
जांच में एक्सिस बैंक जांच में एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में फेक आइडी से खुले 11 खाते मिले हैं। इनमें अब तक 1100 बार में 210 करोड रुपए से अधिक का लेन-देन किया गया है। मामला हवाला और बेनामी संपत्ति का मिलने पर जांच कर रहे सीआइडी डीएसपी मो.असलम ने विभागीय अफसरों को रिपोर्ट भेजी है। इन खातों से कई कंपनियों, फैक्ट्रियों और व्यावसायिक संस्थानों में भुगतान किया जा रहा है।
अब ईओडब्लू तो जांच
प्रभारी डीएसपी, सीआइडी मो. असलम ने कहा कि हा जांच में आइडी फेक मिली। साथ ही ऐसे कई खाते मिले हैं, जिनमें करोड़ों रुपए के लेन-देन का मामला सामने आया है। रिपोर्ट भोपाल भेज दी है। ईओडब्ल्यू एसपी वीरेन्द्र जैन ने बताया कि हवाला और बेनामी संपत्ति जैसा मामला है। प्रारंभिक जांच में 100 करोड़ से अधिक के लेन-देन का पता चला है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ बता सकेंगे
रोजाना होता था करोड़ों का लेन-देन
फर्जी खातों में करोडों का रोज लेन-देन का मामला सामने आने पर सीआइडी,ने जांच मध्य्रप्रदेश,शासंन:-को भेज दी है। डीजीपी ने रिपोर्ट आर्थिक अपराध अनुसंधान के एडीजीपी.-को दी है। एडीजीपी ने मामले की जांच रीवा कार्यालय को भेजी है।