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वास्तु शास्त्र: घर की दहलीज भी हो सकती है आपकी तरक्की या असफलता का कारण

Vastu Tips: आजकल नए जमाने के हिसाब से कई लोग घरों में चौखट या दहलीज बनवाते ही नहीं है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में चौखट या दहलीज होती है वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं करती।

Jun 18, 2022 / 01:38 pm

Tanya Paliwal

वास्तु शास्त्र: घर की दहलीज भी हो सकती है आपकी तरक्की या असफलता का कारण

Vastu Tips For Threshold: पहले के समय में लोग घर बनवाते समय शास्त्रों के अनुसार छोटी-छोटी बातों का भी काफी ध्यान रखते थे। घरों में दरवाजे की नीचे वाली लकड़ी या चौखट को दहलीज या देहरी कहा जाता है। खासतौर पर घर के मुख्य दरवाजे पर दहलीज बनवाई जाती थी। वहीं आजकल के जमाने में लोग मॉडर्न तरीके से और अपनी पसंद से घर बनवाते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दहलीज का संबंध माता लक्ष्मी से माना गया है। मान्यता है कि जिस घर में दहलीज या देहरी नहीं होती वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता। वहीं घर की दहलीज से जुड़े नियमों का पालन न करने पर आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है। तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार आपके घर की दहलीज का आपके जीवन पर क्या असर पड़ता है…

 

कई बार आपने देखा होगा या सुना होगा कि घर के बड़े-बुजुर्ग घर की दहलीज पर बैठकर नाखून काटने या भोजन करने से मना करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है और वास्तु दोष उत्पन्न होने लगते हैं। जिससे घर के लोगों की सेहत और आर्थिक स्थिति पर गलत असर पड़ सकता है।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक यदि सभी दरवाजों पर चौखट या दहलीज नहीं बनवाना चाहते हैं तो रसोईघर और मुख्य द्वार पर चौखट होना जरूरी माना गया है। वहीं लकड़ी की चौखट के अलावा मार्बल पत्थर की चौखट भी बनवाई जा सकती है। मान्यता है कि घर के मुख्य दरवाजे पर दहलीज होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।

अक्सर आपने देखा होगा कि आने-जाने वाले लोग घर की चौखट के बाहर जूते-चप्पल उतारते हैं, जो कि गलत है। माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं क्योंकि घर की चौखट या दहलीज से ही मां लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है।

वास्तु के जानकारों के मुताबिक दहलीज पर पैर रखकर अंदर प्रवेश करना शुभ नहीं माना जाता। वहीं मान्यता है किसी भी तीज-त्यौहार पर हल्दी से दहलीज की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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