हिंदू धर्म में श्री राम भगवान विष्णु की अवतार माने जाते हैं। ऐसे में इस पर्व का खासा महत्व है। वहीं चैत्र नवरात्र ( chaitra navratri ) का अंतिम दिन होने की कारण इस दिन नौ कुंवारी कन्याओं के पूजा का विधान भी होता है।
वहीं वर्तमान में कोरोना ( Corona ) महामारी की चलते लॉकडाउन होने की कारण देश में कई जगह भक्तों को घर में ही श्री राम का पूजन करना होगा। ऐसे में रामनवमी के दिन हवन करने के लिए पूजन सामग्रियों की भी जरूरत पड़ेगी, इसके अलावा आज हम आपको इस दिन के शुभ मुहूर्त और इस घर में पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं।
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इस सम्बन्ध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि रामनवमी का संबंध भगवान विष्णु ( Vishnu Avtar ) के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से है। वहीं इस बार विशेष बात ये है कि त्रेतायुग में जहा भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजे हुआ था।नवमी तिथि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा स्थल पर प्रभु श्रीराम की मूर्ति रखें। मूर्ति की जगह तस्वीर भी रखी जा सकती है। इसके बाद भगवान श्रीराम ( Lord Sri Ram ) का अक्षत, रोली, चंदन, धूप, गंध आदि से पूजन करें।
वहीं राम नवमी 2021 के दिन हवन के लिए आपको पूजन सामग्री के तौर पर कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी। जिनमें आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, कपूर, तिल, छाल, बेल, चंदन की लकड़ी, मुलैठी की जड़, अश्वगंधा, नीम, चावल, गाय की घी, इलायची, शक्कर, लौंग, गूलर की छाल, जौ, गोला आदि शामिल हैं।
राम नवमी 2021 का शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि आरम्भ: 21 अप्रैल, 2021 को 12 बजकर 43 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त: 22 अप्रैल, 2021 को 12 बजकर 35 मिनट तक
नवमी पूजा शुभ मुहूर्त: 21 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
कुल 02 घंटे 36 मिनट की अवधि
राम नवमी मध्याह्न समय: दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर
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रामनवमी 2021 हवन विधि: Ram Navmi Havan Vidhi
: 21 अप्रैल यानि रामनवमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नानादि कर लें।
: इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पति पत्नी साथ में पूजा के लिए बैठें।
: वहीं हवन कुंड का निर्माण ईंटे से या स्टील के बर्तन करें।
: इसके बाद आम की सूखी टहनियां, कपूर, घी आदि से अग्नि को प्रज्वलित करें। और बारी-बारी से सभी देवी देवताओं के नाम से आहुति दें।
:- ध्यान रहे कि हवन कुंड में 108 बार आहुति देना शुभ माना जाता है। फिर हवन समाप्त होने के बाद भगवान राम की आरती उतारे और उन्हें भोग लगाएं।
श्री राम भोग : भगवान श्रीरामजी को केसर युक्त खीर और पूरे घर के भोजन के साथ कलाकंद पसंद हैं।
राशि अनुसार ऐसे समझे भोगपंडित सुनील शर्मा के अनुसार भगवान राम का नाम लेने मात्र से सभी समस्याओं का निदान संभव है। वहीं यदि नित्य राम स्तोत्र (Ramraksha Shotra ) का पाठ किया जाए, तो ऐसी कोई मनोकामना नहीं जिसे भगवान राम पूरी नहीं करते। ऐसे में रामनवमी के दिन राशि के अनुसार श्री राम को भोग लगाना और भी विशेष माना जाता है।