1. अक्सर महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि उनमें नम्रता तथा शालीनता के गुण मौजूद हों। लेकिन आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार नम्र, संस्कारी और अच्छे विचार का गुण महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी उतने ही जरूरी होते हैं। एक सज्जन और सुशील पुरुष से विवाह करने वाली महिला हमेशा खुश रहती है।
2. जिस पुरुष में दान की भावना होती है वह हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दान का अर्थ हमेशा ही धन देने से नहीं होता है, बल्कि जो पुरुष बिना किसी स्वार्थ के अपने समय और ज्ञान का उपयोग दूसरों की मदद करने के लिए करता है, उसका यह गुण उसकी सच्चाई को दर्शाता है।
3. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी व्यक्ति के आचरण से उसके व्यक्तित्व की जानकारी होती है। ऐसे में महिलाओं को उस पुरुष से मिलकर उसके व्यवहार और जरूर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अच्छे आचरण वाले पुरुष काफी मिलनसार और सामाजिक होते हैं।
4. इंसान की चाल-ढाल, तौर-तरीकों और उसके हाव-भाव से उसके मन में चल रही बातों का पता लगाया जा सकता है। ये बातें व्यक्ति के गुण और दोषों को भी इंगित करती हैं। आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार महिलाओं को पुरुष के इन्हीं तौर-तरीकों को गौर से देख कर उसके गुणी या अवगुणी होने का ज्ञान हो सकता है।