कैसे हुई गणेशोत्सव की शुरुआत
गणेशोत्सव सर्वप्रथम महाराष्ट्र के शहर पुणे में सार्वजनिक तौर पर सन् 1893 में मनाया गया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। हालांकि सन् 1893 से पूर्व भी गणेश उत्सव मनाया जाता था परंतु यह काफी छोटे पैमाने पर मनाया जाता था, धूमधाम से नहीं। उस समय इस अवसर पर घरों में लोग बस भगवान गणेश की पूजा कर लिया करते थे। तब मंदिरों या पंडालों में गणपति जी की स्थापना नहीं की जाती थी।
वहीं उस वक्त के युवा क्रांतिकारी नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक स्वराज के संघर्ष के लिए अपने विचारों को हर व्यक्ति तक पहुंचाना चाहते थे लेकिन इसके लिए उन्हें एक सार्वजनिक मंच की जरूरत थी। तब तिलक ने गणपति उत्सव के अवसर पर सार्वजनिक रूप से अपनी बात लोगों तक पहुंचाई। तब से ही गणेशोत्सव को धूमधाम से मनाया जाने लगा। यानी गणेशोत्सव तभी से राष्ट्रीय एकता का पर्व बन गया जो आजतक जोरों-शोरों से मनाया जाता है।
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